वाराणसी, 14 जून (आईएएनएस)। पिछले कई दशकों से बदहाली के दौर से गुजर रही बनारसी साड़ी उद्योग के अच्छे दिनों की शुरुआत हो चुकी है। कुछ महीनों के भीतर ही बनारसी तकनीक, डिजाइन और फैब्रिक से बनी साड़ियां एक बार फिर दुनिया के सामने होंगी, क्योंकि बनारस से जुड़े 50 से अधिक बुनकरों को बनारसी साड़ियां बनाने का आर्डर दिया गया है।
वाराणसी, 14 जून (आईएएनएस)। पिछले कई दशकों से बदहाली के दौर से गुजर रही बनारसी साड़ी उद्योग के अच्छे दिनों की शुरुआत हो चुकी है। कुछ महीनों के भीतर ही बनारसी तकनीक, डिजाइन और फैब्रिक से बनी साड़ियां एक बार फिर दुनिया के सामने होंगी, क्योंकि बनारस से जुड़े 50 से अधिक बुनकरों को बनारसी साड़ियां बनाने का आर्डर दिया गया है।
ये बनारसी साड़ियां युवाओं की पसंद तो बनेंगी ही, साथ ही मशहूर मॉडल भी इसे पहनकर रैंप चलती नजर आएंगी।
युवा पीढ़ी की सोच और मांग के हिसाब से बनारसी कला को नया लुक देने के लिए विश्वस्तरीय फैशन डिजाइनरों ने बनारस का रुख किया है। बीते 9 जून को ही छावनी इलाके के एक होटल में होने वाली बैठक में पदमश्री राहुल जैन से लेकर बॉलीवुड स्टार सलमान खान की बहन अल्विरा अग्निहोत्री, अबू जानी और संदीप खोसला जैसे मशहूर डिजाइनर बनारसी हैंडलूम के करीब 200 निर्माताओं से इस बाबत रूबरू हुए।
दरअसल, बनारस वस्त्र उद्योग की पहल पर यह कवायद शुरू की गई है। इसके तहत लगभग 500 करोड़ से ज्यादा का कारोबार और लाखों परिवारों को रोजी-रोटी देने वाली बनारसी साड़ी का पार्टियों से लेकर रैंप तक जलवा दिखेगा।
बनारसी वस्त्र उद्योग के संरक्षक अशोक धवन ने कहा कि विश्वस्तरीय फैशन डिजाइनरों के प्रयास से बनारसी साड़ी यंग जनरेशन की पसंद बनेगी और इससे इंडस्ट्री को नई उंचाई भी मिलेगी।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री संतोष गंगवार और फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में विश्व पटल पर नाम दर्ज कराने वाली भाजपा प्रवक्ता साइना एनसी की मौजूदगी में इस बात पर मंथन किया गया कि यंग जनरेशन की पसंद पश्चिमी पहनावे की जगह बनारसी साड़ी को कैसे स्थापित किया जाए।
फैंसी ड्रेस बनाने में चीन की शिफॉन, जार्जेट व कोरिया के कपड़ों की जगह बनारसी फैब्रिक का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। फैशन डिजाइनर विश्व बाजार के हिसाब से बुनकरों को फैब्रिक और डिजाइन की बारीकियों की जानकारी देंगे।
बनारस के साड़ी कारोबारी अब्दल बारी ने बताया, “बनारस स्पेशल फैंसी ड्रेस से बनारसी हैंडलूम के प्रति सोच में बदलाव आएगा। इससे वाराणसी के बुनकरों का भी भला होगा और बनारसी साड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच जाएगी।
इधर, बनारसी साड़ियों को पहचान दिलाने में जुटे मशहूर फैशन डिजाइनर भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि नई कवायद से बनारस के बुनकरों को इसका लाभ जरूर मिलेगा।
मशहूर फैशन डिजाइनर रितु कुमार ने कहा कि गायब हो चुके 100 साल पुराने डिजाइन और बुनाई की तकनीक को वापस लाया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने क्लस्टरों क जरिये बुनकरों से सीधे संपर्क किया है।
उन्होंने कहा, “मिलावटी धागे व कपड़ों से बनी साड़ियों की जगह पुराने समय जैसी हल्के व मुलायम कपड़े, हाथों की महीन कारीगरी से तैयार होने वाली साड़ियों का आर्डर 50 से अधिक बुनकरों को दिया गया है। बनुकरों द्वारा तैयार बनारसी साड़ी बाजार में आने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरेगी।”