डॉ. भोला प्रसाद आग्नेय एवं डॉ. इफ्तेखार खां ने संयुक्त रूप से फिल्म का मुहूर्त संपन्न कराया। इस दौरान फिल्म निर्देशक विवेकानंद सिंह ने बताया कि 1942 की जनक्रांति में बलिया अपने बागी तेवर के चलते ब्रितानिया हुकूमत से स्वतंत्र हो गया। पूरे विश्व में इस बात को लेकर शोध चल रहा है। इसे ध्यान में रखकर नुक्कड़ नाटकों व लघु फिल्मों के माध्यम से शहीदों व सेनानियों की गौरव गाथा को विश्व पटल पर रखने के लिए फिल्म का निर्माण कर रहे हैं।
फिल्म में चित्तू पाण्डेय की भूमिका में पुनीत श्रीवास्तव, पं. महानंद मिश्र की भूमिका में विवेकानंद सिंह, पं. राजेश्वर त्रिपाठी की भूमिका में छट्ठूलाल शर्मा, कोतवाल सदर की भूमिका में अरुण कुमार के साथ छितेश्वर वर्मा हैं। इनके अलावा जन्मेजय प्रजापति, हिमांशु गुप्त व शोएब खां भी अभिनय कर रहे हैं।
इस फिल्म के कैमरामैन लालबाबू व चंद्रशेखर सिंह हैं, निर्माण व्यवस्थापक राजेश साहिल व नीतेश शर्मा हैं।