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बांधों का पानी गणेश विसर्जन के लिए न दें : एनजीटी

पुणे, 22 सितंबर (आईएएनएस)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक एन्वॉयरमेंट इंटरेस्ट लिटिगेशन (ईआईएल) पर विचार करते हुए महाराष्ट्र सरकार के विभिन्न विभागों को नोटिस जारी कर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए राज्य के बांधों का पानी छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने को कहा है।

एनजीटी ने कहा है कि बांधों का पानी शोधित कर पेयजल के रूप में उपलब्ध कराया जाता है, इसे बर्बाद न होने दें।

एनजीटी ने राज्य सरकार, कलेक्टर, पुणे नगरपालिका के आयुक्त, सिंचाई विभाग, पुलिस उच्चायुक्त, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग और कई अन्य को नोटिस दिया है। साथ ही अधिकारियों को गुरुवार को एनजीटी की पश्चिमी शाखा में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।

गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए संबंधित विभाग द्वारा खडकवासला बांध से पानी छोड़ने के खिलाफ अधिवक्ता शिवानी डी. कुलकर्णी द्वारा ईआईएल फाइल की गई थी।

कुलकर्णी ने कहा था कि महाराष्ट्र और जिले के कई हिस्सों में सूखे की स्थिति को देखते हुए बांध से पीने का पानी नहीं दिया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता के वकील असीम सरोद ने आईएएनएस को बताया, “हमने लोगों से कहा है कि धार्मिक आयोजनों के लिए प्रशासन द्वारा तैयार विसर्जन के अप्राकृतिक स्थलों का इस्तेमाल करें। यह न केवल पीने के पानी की बर्बादी रोकेगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।”

कुलकर्णी ने यह भी कहा कि किसी भी प्रतिमा को प्राकृतिक या अप्राकृतिक स्रोतों जैसे नदियों, तालाबों, झीलों, नहरों आदि में विसर्जित करने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। केवल तय आप्राकृतिक विसर्जन स्थलों पर ही इसकी इजाजत दी जानी चाहिए।

पुणे में लुप्त होती नदियों और विभिन्न बांधों और जलाशयों में पानी के गिरते स्तरों के मद्देनजर यह मामला और भी गंभीर है।

पुणे में विसर्जन के दो मुख्य दिनों (गणेशोत्सव के पांचवें और अंतिम दिन) में विसर्जन के लिए प्रतिदिन लगभग 0.1 टीएमसी पानी छोड़ा जाता है जो कि पूरे पुणे शहर की चार दिन की पानी की आपूर्ति के बराबर है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि खडकवासला बांध से छोड़े जाने के बाद यह अत्यंत प्रदूषित हो जाता है और किसी भी उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं रहता।

बांधों का पानी गणेश विसर्जन के लिए न दें : एनजीटी Reviewed by on . पुणे, 22 सितंबर (आईएएनएस)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक एन्वॉयरमेंट इंटरेस्ट लिटिगेशन (ईआईएल) पर विचार करते हुए महाराष्ट्र सरकार के विभिन्न विभागों को पुणे, 22 सितंबर (आईएएनएस)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक एन्वॉयरमेंट इंटरेस्ट लिटिगेशन (ईआईएल) पर विचार करते हुए महाराष्ट्र सरकार के विभिन्न विभागों को Rating:
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