पटना, 24 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार से प्रारंभ हो गई। इस परीक्षा के लिए राज्य भर में कुल 1,110 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं। इस परीक्षा में 11,57,950 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं, जिनमें 6,71,567 छात्र और 4,86,383 छात्राएं हैं।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रो़ लालकेश्वर प्रसाद ने बुधवार को बताया कि 12वीं की परीक्षा के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सभी परीक्षा केन्द्रों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। परीक्षा हॉल के अंदर वीडियोग्राफी की जा रही है।
सुबह परीक्षा शुरू होने से पहले हालांकि परीक्षा केन्द्रों पर अभिभावकों की भारी भीड़ देखी गई, लेकिन परीक्षा प्रारंभ होने के बाद भीड़ छंट गई। उधर, राज्य के शिक्षामंत्री अशोक चौधरी ने एक बार फिर दोहराया है कि किसी सूरत में परीक्षा में कदाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस बीच सारण जिला मुख्यालय छपरा के राजपूत स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र पर कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए जब पुलिसकर्मियों ने छात्रों की तलाशी लेनी शुरू की तो छात्रों ने नाराजगी जाहिर करते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान परीक्षार्थियों ने कई वाहनों को निशाना बनाया और स्कूल में तोड़-फोड़ की, जिससे फर्नीचरों को नुकसान पहुंचा। मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पहुंचने के बाद स्थिति नियंत्रण में आई और छात्र शांत हुए।
12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए पहली बार शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रत्येक जिले में एक-एक नोडल प्रभारी नियुक्त किए गए हैं।
समिति ने किसी भी तरह की समस्या को सूचित करने के लिए एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया है। जहां से अभिभावक, छात्र और शिक्षा विभाग के अधिकारी हर तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक, पांच मार्च तक चलने वाली इस परीक्षा के लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों को मुख्य जिला परीक्षा नियंत्रक बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष मैट्रिक की परीक्षा के दौरान नकल की घटना से पूरे बिहार की बदनामी हुई थी। चार मंजिला स्कूल भवन पर चढ़कर नकल कराने के वीडियो और तस्वीरें विदेशी मीडिया में भी प्रसारित और प्रकाशित हुईं थीं और ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं।