पटना, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली और कानपुर जैसे शहरों में पत्रकारिता कर चुके पूर्णिया जिले के चनका गांव निवासी गिरींद्रनाथ झा राज्य से बाहर रहने वाले मित्रों को ‘फेसबुक’ और ‘व्हाट्सएप’ के माध्यम से दशहरा और दिवाली के मौके पर अपने गांव आने की अपील कर रहे हैं, ताकिवे मतदान में हिस्सा ले सकें।
पटना, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली और कानपुर जैसे शहरों में पत्रकारिता कर चुके पूर्णिया जिले के चनका गांव निवासी गिरींद्रनाथ झा राज्य से बाहर रहने वाले मित्रों को ‘फेसबुक’ और ‘व्हाट्सएप’ के माध्यम से दशहरा और दिवाली के मौके पर अपने गांव आने की अपील कर रहे हैं, ताकिवे मतदान में हिस्सा ले सकें।
पत्रकारिता छोड़ किसान बने गिरींद्र ही नहीं, राजस्थान में इंजिनीयरिंग की पढ़ाई करने वाले आदर्श ने भी बिहार से बाहर रहने वाले अपने मित्रों से घर आकर मतदान करने की अपील की है।
गिरींद्र और आदर्श का कहना है कि यह चुनाव पर्व-त्योहारों के बीच पड़ रहा है। इसलिए राज्य से बाहर रह रहे लोग योजना इस तरह बनाएं कि वे अपने घर आकर त्योहार भी मना लें और अपने मताधिकार का उपयोग भी कर लें।
बिहार विधानसभा चुनाव में 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान सोमवार को संपन्न हो गया, अब चार चरणों का मतदान बाकी है।
विजय दशमी (दशहारा) 22 अक्टूबर को है तो दीपावली 11 नवंबर को। इस बीच और भी कई छोटे-छोटे पर्व हैं। इसके अलावा 24 अक्टूबर को मुहर्रम भी मनाया जाएगा।
आमतौर पर बिहार से बाहर रहकर नौकरी या व्यवसाय करने तथा पढ़ाई करने वाले लोग मुख्य रूप से पर्व-त्योहारों में ही अपने घर आते हैं। त्योहारों के बीच ही चुनाव की तिथियां पड़ने के कारण वे मतदान करने से नहीं चूकेंगे। ऐसे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस चुनाव में प्रवासी मतदाता बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।
गिरींद्र ने आईएएनएस से कहा, “मेरे कई दोस्त अपनी छुट्टियों को चुनाव की तारीख के साथ एडजस्ट कर रहे हैं। इस बार बाहर रहने वाले लोगों के मत कई क्षेत्रों में चुनाव परिणामों को प्रभावित भी कर सकते हैं।”
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 6़ 68 करोड़ है। यह माना जाता है कि बिहार की एक बड़ी आबादी राज्य के बाहर रोजगार की तलाश में या पढ़ाई करने जाती है।
गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की करीब 60 से 70 लाख की आबादी राज्य से बाहर रहती है। ऐसे में यह संख्या कुल मतादाताओं के 10 प्रतिशत के करीब है।
माना जाता है कि बाहर रहने वाले लोगों में से करीब 50 फीसदी लोग अपने अधिकार के प्रति सजग हैं। ऐसे में अगर वे मतदान करें तो प्रवासियों का मत परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में दिखाई देता है।
पटना कॉलेज के प्राचार्य रहे नवल किशोर चौधरी कहते हैं, “इसमें कोई शक नहीं कि इस चुनाव में बाहर रहने वाले बिहार के मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पर्व-त्यौहार के मौके पर घर आने की पुरानी परंपरा है, ऐसे में कोई भी व्यक्ति मतदान की तिथि को ध्यान में रखकर ही कार्यक्रम बनाएगा।”
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। प्रथम चरण में 49 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार को चुनाव संपन्न हो चुका है। शेष चार चरणों में 16 अक्टूबर, 28 अक्टूबर, एक नवंबर और पांच नवंबर को मतदान होना है। मतों की गिनती आठ नवंबर को होगी।