पटना, 4 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में बयानबाजी और विज्ञापनों को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अंतिम चरण का मतदान गुरुवार को है और मतदान से एक दिन पूर्व बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा मतदान वाले क्षेत्रों में गोमांस को लेकर प्रकाशित कराए गए एक विज्ञापन पर सत्ताधारी महागठबंधन ने सख्त एतराज जताया है।
भाजपा द्वारा मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्रों के समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए गए विज्ञापनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गोमांस पर सहयोगियों द्वारा दिए गए बयानों पर चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा गया है, “मुख्यमंत्री जी आपके साथी हर भारतीय की पूज्य गाय का अपमान बार-बार करते रहे और आप चुप रहे।”
विज्ञापन में आगे कहा गया है, “वोट बैंक की राजनीति बंद कीजिए और जवाब दीजिए। क्या आप अपने साथियों के इन बयानों से सहमत हैं?”
प्रकाशित विज्ञापन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद सहित राजद के नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्घारमैया द्वारा गोमांस पर दिए गए बयानों को भी प्रकाशित किया गया है।
विज्ञापन के अंत में लिखा गया है, “जवाब नहीं वोट नहीं, बदलिए सरकार-बदलिए बिहार।”
ये विज्ञापन सीमांचल, कोसी और मिथिलांचल के उन सभी इलाकों के समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाए गए हैं, जिसमें पांच नवंबर को मतदान होना है।
जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता क़े सी़ त्यागी ने कहा है कि महागठबंधन इस विज्ञापन को लेकर चुनाव आयोग के पास जाएगा और अगर चुनाव आयोग इस मामले में भाजपा पर कारवाई करने में असमर्थ रहता है तो पार्टी के नेता राष्ट्रपति के पास भी गुहार लगाएंगे।
इस बीच, महागठबंधन का एक शिष्टमंडल ने पटना में राज्य निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन सौंपकर विज्ञापन के मुद्दे पर भाजपा पर कारवाई करने की मांग की है।
जद (यू) के नेता पवन वर्मा ने बताया कि ज्ञापन में भाजपा पर चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश का पालन न करने का आरोप लगाया गया है। वर्मा ने कहा कि उन लोगों की शिकायतों को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है और कार्रवाई का भरोसा दिया है।