तिरुवनंतपुरम, 12 जनवरी (आईएएनएस)। ज्यादा बीड़ी पीने से सिर्फ फेफड़ों और मुंह के कैंसर का ही नहीं, बल्कि पेट के यानी इगैस्ट्रिक कैंसर का खतरा रहता है। एक नए शोध में यह साबित हुआ है।
कोल्लम जिले के कुरुनागापल्ली में वर्ष 1990-2009 के बीच 30 से 40 वर्ष की आयु के करीब 65 हजार लोगों पर यह अध्ययन किया गया। अध्ययन के दौरान शोधार्थियों ने देखा कि बीड़ी की संख्या बढ़ने के साथ ही कैंसर का खतरा भी बढ़ता जाता है।
शहर के रीजनल कैंसर सेंटर ने इस शोध का संचालन किया है। यह शोध ‘गैस्ट्रोइंटरोलॉजी’ की विश्व पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। मंगलवार को यहां शोधार्थियों द्वारा इन निष्कर्षो को उजागर किया गया।
शोध में देखा गया है कि बीड़ी न पीने वालों की तुलना में जो लोग 18 वर्ष की उम्र में बीड़ी पानी शुरू कर देते हैं, उनमें 18-22 साल के बीच 2.0 कैंसर का खतरा और 1.8 पेट के कैंसर होने का खतरा होता है।
इस अध्ययन की मुख्य लेखक पी जयलक्ष्मी के अनुसार, इससे पहले हुए अध्ययन बताते हैं कि बीड़ी की वजह से मुंह, श्वसन और पाचन तंत्र के कैंसर का खतरा होता है, लेकिन वर्तमान में हुआ शोध साबित करता है कि बीड़ी-धूम्रपान की वजह से पेट का कैंसर होता है।”