देबदत्त भट्टाचार्जी
देबदत्त भट्टाचार्जी
नई दिल्ली/लंदन, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। ब्रिटेन में अगले महीने होने वाले संसदीय चुनाव में लिबरल डेमोक्रेट्स की तरफ से उम्मीदवार चुनी गईं गीता गार्डन इन दिनों काफी व्यस्त हैं। एक के बाद एक सभाओं में हिस्सा ले रही हैं और घर-घर प्रचार कर रही हैं। इस दौरान वह मतदाताओं के साथ खड़े रहने का अपना संकल्प बार-बार दोहरा रही हैं और कहती हैं कि वे स्थितियों को बदल सकते हैं।
साउथ शील्ड्स संसदीय क्षेत्र से भारतवंशी उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदाय की पहली उम्मीदवार हैं, जो कि लिबरल डेमोक्रेट्स की तरफ से इस पूर्वोत्तर ब्रिटेन की सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
गीता ने आईएएनएस को ई-मेल पर दिए साक्षात्कार में कहा, “मेरी जाति और लिंग के कारण मेरी उम्मीदवारी मेरी पार्टी के लिए गर्व की बात है। इसने साउथ शील्ड्स के लोगों को नया संदेश दिया है।”
उन्होंने कहा, “मैंने सुना कि लोग बदलाव चाहते हैं, वह जनता के धन की बर्बादी और दुरुपयोग को समाप्त करना चाहते हैं और मौजूदा राज्य व्यवस्था को एक मजबूत विपक्ष देना चाहते हैं।”
गीता हिंदी, पंजाबी और ऊर्दू धाराप्रवाह बोलती हैं और उन्हें बांग्ला भाषा का भी ज्ञान है। उन्होंने बैंकिंक और मार्केटिंग के क्षेत्र में भी काम किया है।
ब्रिटिश समाज से खुद के जुड़े होने का जिक्र करते हुए वह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक भारतीय परिवार में पली-बढ़ी होने पर गर्व महसूस करती हैं।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “मुझे इस बात से खुशी होती है, जब लोग किसी खास क्षेत्र को लेकर भारत को विशेष आदर देते हैं।”
गीता कहती हैं कि वह उस तरीके से प्रभावित हैं, जिस तरह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को आगे ले जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं इस बात से अवगत हूं कि भारत विनिर्माण में तेजी से सुधार कर रहा है, जो न सिर्फ प्रवासी भारतीयों को बल्कि अन्य लोगों को आकर्षित करेगा।”
गीता ने कहा, “मुझे लगता है कि विभिन्न विभागों में बेहतर और कुशल तरीके पुरानी व्यवस्था का स्थान ले रहे हैं। मुझे लगता है कि भारत उस दिशा में सही जा रहा है, जहां यह विश्व को आमंत्रित कर अपनी प्रगति दिखा सके।”
गीता ब्रिटेन और भारत के संबंधों को मजबूत करने को लेकर भी उत्सुक हैं।