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‘भारतीय प्रवासी संस्कृति के दायरे से आगे निकलें’

पोर्ट ऑफ स्पेन, 13 मई (आईएएनएस)। भारतीय प्रवासियों के यहां पहुंचने के 170 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भारतीय प्रवासी सम्मेलन के दौरान एक विद्वान ने कहा कि यहां रह रहे भारतीय प्रवासियों को अपनी संस्कृति, विरासत और परंपराओं के दायरे से आगे निकल कर मौजूदा समय के सतत विकास के क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहिए।

पोर्ट ऑफ स्पेन, 13 मई (आईएएनएस)। भारतीय प्रवासियों के यहां पहुंचने के 170 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भारतीय प्रवासी सम्मेलन के दौरान एक विद्वान ने कहा कि यहां रह रहे भारतीय प्रवासियों को अपनी संस्कृति, विरासत और परंपराओं के दायरे से आगे निकल कर मौजूदा समय के सतत विकास के क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहिए।

वेस्टइंडीज विश्वविद्यालय के सैंट आगस्टिन कैंपस के प्रिंसिपल क्लीमेंट संकट ने मंगलवार को शाम इस सम्मेलन में कहा कि भारतीय प्रवासियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, औषधि, कारोबार एवं कृषि में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए।

त्रिनिदाद एवं टोबैगो 30 मई को भारत, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार, से भारतीय प्रवासियों के यहां आगमन का 170वां वर्षगांठ मना रहा है। इसी उपलक्ष्य में यहां 1992 से ही 30 मई को सार्वजनिक छुट्टी घोषित की गई है।

भाप से चलने वाले पोत ‘फैटल रजाक’ पर सवार होकर 1845 में भारत से वेस्टइंडीज पहुंचने वाले पहले भारतीय बेड़े में कुल 238 भारतीय नागरिक थे। इसके बाद 1917 तक कई बेड़ों में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को यहां लाया गया, जिनकी कुल संख्या तकरीबन 148,000 रही होगी।

भारतीय नागरिकों को यहां औपनिवेशिक सरकार द्वारा कहवा, कॉफी और गन्ने की खेती को पुनर्जिवित करने के उद्देश्य से लाया गया था।

संकट ने सम्मेलन के दौरान कहा, “हमें सतत विकास की दिशा में एक नई गति लाने की जरूरत है, जो भारत और पूरी दुनिया में फैले भारतीय प्रवासियों के लिए भी फायदेमंद होगा।”

त्रिनिदाद एवं टोबैगो के समाज में पश्चिमी संस्कृति की झलक साफ देखी जा सकती है, चाहे वह भोजन हो या भाषा, संगीत, पोशाक, नाम, कला या संस्कृति को दर्शाने वाला कोई और चीज।

इस मौके पर विदेश मंत्री विंस्टन डूकेरन ने कहा कि कैरेबियन पहचान स्थापित करने की जरूरत है, जो कैरेबियाई सभ्यता का आधार बने।

उन्होंने कहा, “स्कॉलरशिप एवं सम्मेलनों के जरिए कैरेबियाई सभ्यता को विकसित किया जा सकता है और इससे वैश्विक सभ्यता भी समृद्ध होगी।”

भारतीय उच्चायुक्त गौरी शंकर गुप्ता ने वैश्विक समुदाय में अपनी सशक्त उपस्थिति में लचीलेपन के लिए भारतीय प्रवासियों की जमकर सराहना की।

उन्होंने कहा कि भारतीय उपनाम वाले लोग पूरी दुनिया में समाज के हर क्षेत्र में चाहे वह राजनीति, संस्कृति, धर्म, अकादमी या खेल हो, मिल जाएंगे।

चार दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा लेने फिजी, सुरीनाम, अमेरिका, इंग्लैंड और नीदरलैंड्स से भारतीय प्रवासी इकट्ठा हुए हैं और भारत से भी लोग आए हैं। सम्मेलन का समापन शुक्रवार को होगा।

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