नई दिल्ली, 23 जनवरी (आईएएनएस)। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज भारत और अरब लीग के बीच रविवार को होनेवाली पहली मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को बहरीन के लिए रवाना हो गईं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, “भारत तथा अरब लीग के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली बैठक होगी।”
अरब लीग में पश्चिम एशिया और उत्तर एशिया के 22 देश शामिल हैं।
अरब देश भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है, जिसके साथ कुल व्यापार 180 अरब डॉलर का है।
भारत और अरब देशों के बीच संबंधों को पहले ही अगले स्तर पर भारत-अरब साझेदारी सम्मेलन तक ले जाया गया है, जिसकी चार बैठकें नई दिल्ली की मेजबानी में हो चुकी हैं। अंतिम बैठक साल 2014 में हुई थी।
अगला सम्मेलन इस साल ओमान में मई में होगा।
भारत और अरब देशों के बीच उभरते क्षेत्रों में कृषि, शुष्क भूमि पर कृषि, पर्यावरण संरक्षण, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी), ऑटोमोबाइल, लघु एवं मंझोले उद्योग (एसएमई), जैव तकनीक तथा अंतरिक्ष शामिल हैं।
भारत का कुल 60 फीसदी गैस व तेल पश्चिम एशिया से आता है, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
मगरेब क्षेत्र भारत के कृषि क्षेत्र को फॉस्फेट और उर्वरक मुहैया कराता है।
बहरीन में हो रही पहली बैठक दोनों पक्षों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए नए मौके उपलब्ध कराएंगे।
स्वरूप ने आईएएनएस से कहा, “भारत अपने संबंधों को अरब देशों के साथ लगातार मजबूत करता रहा है। हमारा प्राचीन संबंध एक आधुनिक साझेदारी में तब्दील हो चुका है।”
रविवार को होनेवाली बैठक से उम्मीद की जा रही है कि इससे आतंकवाद रोधी सहयोग और मजबूत होगा।
शनिवार को मनामा पहुंचने के बाद सुषमा स्वराज बहरीन में एक द्विपक्षीय बैठक करेंगी।
विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) अनिल बाधवा शनिवार को भारत तथा अरब लीग के देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में शिरकत करेंगे।