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‘भारत विरले ही दूसरे देशों को देता है ज्यादा महत्व’

बीजिंग, 16 मार्च (आईएएनएस)। चीन के एक सरकारी अखबार ने कहा है कि भारत विरले ही दूसरे देशों को ज्यादा महत्व देता है। उसने यह भी कहा है कि भारत एक प्रमुख शक्ति है और उसकी विदेश नीति में उसके राष्ट्रीय हित को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है।

‘यूएस इंटरवेंशन रेजिस्टेड बाइ इंडियन कल्चर’ शीर्षक से बुधवार को ‘ग्लोबल टाइम्स’ में वैचारिक लेख प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है कि एक प्रमुख शक्ति के रूप में भारत विरले ही दूसरे देशों को ज्यादा महत्व देता है। वर्ष 1947 में आजाद होने के बाद से ही यह भारत का सबसे महत्वपूर्ण गुण है। भारत की विदेश नीति में राष्ट्रीय हित को हमेशा से प्राथमिकता दी गई है।

पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था, “दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघनों की समीक्षा करने वाले अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के सदस्यों को वीजा नहीं देने के भारत के फैसले से अमेरिका निराश है।”

चीन के झियामेन विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर साउथईस्ट एशियन यूनिवर्सिटी’ में प्रोफेसर झुआंग गोउतू ने अपने इस लेख में कहा है, “ह्वाइट हाउस हाल के वर्षो में भारत से अपने रिश्तों को ज्यादा महत्व दे रहा है। वीजा देने से इनकार से अमेरिका-भारत के रिश्ते कितने प्रभावित होंगे, यह पता लगाने की बात है।”

लेख में कहा गया है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि यूएससीआईआरएफ को वीजा देने से इनकार किया गया है। इस आयोग को वर्ष 2009 में भी भारत दौरे के लिए वीजा देने से इनकार किया गया था।

लेख में लिखा है, “भारत सरकार ने स्वतंत्र एवं आत्मविश्वासी रुख दिखाया है। ऐसी संभावना बहुत कम है कि दूसरी शक्तियां भारत को अपने खेमे की ओर खींच लें। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को वीजा देने से इनकार भारत के विदेशी रिश्तों को संचालित करने का पारंपरिक तरीका है।”

इस लेख में कहा गया है कि अमेरिका लंबे समय से अन्य देशों के आंतरिक मामलों में प्रभाव डालने के लिए अपने मूल्यों का इस्तेमाल करता रहा है।

इस लेख में यह भी कहा गया है कि जब अमेरिका को चीन का मुकबला करने के लिए भारत को अपनी तरफ रखने की जरूरत है, जबकि भारत सरकार की नजर अपने हित पर है। यही कारण है कि भारत ने अमेरिकी धार्मिक आयोग को वीजा देने से सीधे इनकार कर दिया है।

प्रोफेसर ने यह भी कहा है कि वीजा इनकार वर्ष 2010 में जो अप्रिय घटना घटी थी, उसका बदला भी हो सकता है।

तब तत्कालीन भारतीय राजदूत मीरा शंकर की अमेरिकी हवाई अड्डे पर टटोलकर तलाशी ली गई थी। आरोप है कि वह साड़ी पहने हुए थीं, इस वजह से ऐसा किया गया था। यह भारत को स्वीकार्य नहीं था। भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था।

इसमें यह भी कहा गया है कि भविष्य में अमेरिका और भारत का सांस्कृतिक टकराव और जोर पकड़ेगा।

अमेरिका अपनी मूल्यांकन की प्रणाली के जरिये भारत में हर संभव तरीके से घुसने की कोशिश करेगा जिसे नई दिल्ली सख्ती से खारिज करेगा।

यह भी कहा गया है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी एक हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी है। धार्मिक आयोग को वीजा देने से इनकार नरेंद्र मोदी के शासन की स्थानीय संस्कृति और धर्मो की रक्षा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

‘भारत विरले ही दूसरे देशों को देता है ज्यादा महत्व’ Reviewed by on . बीजिंग, 16 मार्च (आईएएनएस)। चीन के एक सरकारी अखबार ने कहा है कि भारत विरले ही दूसरे देशों को ज्यादा महत्व देता है। उसने यह भी कहा है कि भारत एक प्रमुख शक्ति है बीजिंग, 16 मार्च (आईएएनएस)। चीन के एक सरकारी अखबार ने कहा है कि भारत विरले ही दूसरे देशों को ज्यादा महत्व देता है। उसने यह भी कहा है कि भारत एक प्रमुख शक्ति है Rating:
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