कोच्चि, 22 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब कोच्चि स्थित केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) के साथ मिलकर उपमहाद्वीप के आसपास के समुद्र में संभावित मछली पकड़ने के क्षेत्रों की पहचान करेगी।
इस परियोजना का नाम ‘समुद्र’ दिया गया है, जिसका लक्ष्य मछुआरों को समय और ईंधन की बरबादी किए बिना मछलियों के झुंड तक पहुंचाना है।
सेटेलाइट आधारित संख्यात्मक महासागर मॉडल मौसमी और जलवायु विविधताओं, उच्च हवाओं, बारिश और चक्रवात स्थितियों के कारण समुद्र में होने वाले विभिन्न भौतिक परिवर्तनों का विश्लेषण करता है।
पहले चरण में, सीएमएफआरआई और इसरो का स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (एसएसी) मिलकर तमिलनाडु के समुद्री तटों के आसपास मछली पकड़ने के क्षेत्रों की पहचान करेगी।
सीएमएफआरआई के निदेशक ए. गोपालकृष्णन ने सहयोगी अनुसंधान परियोजना का ‘मील का पत्थर’ करार दिया है।
गोपालकृष्णन ने कहा, “भारतीय उपमहाद्वीप के आसपास के समुद्र औसतन 25 टन सीफूड का उत्पादन करते हैं। भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में यह सीफूड का उत्पादन 39 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है।”
इस परियोजना के प्रमुख अन्वेषक शोबा जे. किजाकुदन ने कहा कि मछली पकड़ने के स्थानों को सटीक रूप से देखने के लिए विभिन्न महासागरीय मापदंडों के बीच संबंध को समझना आवश्यक है।