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मदुरै के युवक ने मॉस्को में जमाया मसाला कारोबार

मास्को, 14 जून (आईएएनएस)। पी.जीवानंदम रूस में भारतीय मसाले तथा अन्य खाद्य सामग्री की रिटेल श्रंखला चलाते हैं और उनके आउटलेट पर भारतीय से अधिक रूसी ग्राहक आया करते हैं।

मास्को, 14 जून (आईएएनएस)। पी.जीवानंदम रूस में भारतीय मसाले तथा अन्य खाद्य सामग्री की रिटेल श्रंखला चलाते हैं और उनके आउटलेट पर भारतीय से अधिक रूसी ग्राहक आया करते हैं।

ऐसा नहीं है कि रूसी ग्राहक मसालों का उपयोग अपने भोजन में करते हैं। वे उसके औषधीय गुणों के कारण इसे खरीदते हैं।

जीवानंदम ने यहां आए आईएएनएस के इस संवाददाता से कहा, “जब मैंने 1990 के दशक में भारतीय मसालों की दुकान खोली थी, तब अधिकतर ग्राहक भारतीय छात्र थे। आर्थिक कारणों से भारतीय आबादी घट जाने के बाद भारतीय और रूसी ग्राहकों का अनुपात उलटा हो गया है।”

तमिलनाडु के मदुरै में जन्मे जीवानंदम सात आउटलेट के मालिक हैं, जिनमें से पांच मॉस्को में, एक सेंट पीट्सबर्ग और एक त्वेर में है।

वह तमिलनाडु के राजापलायम में अमिल नाम के एक होटल के प्रमोटर भी हैं।

उन्होंने कहा, “रिटेल कारोबार का विकास 20 फीसदी सालाना की दर से हो रहा है। भारतीय होटल का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है।”

जीवानंदम कृषि में परास्नातक की पढ़ाई करने के लिए सोवियत संघ के दिनों में मास्को आए थे।

अवकाश के दिनों में एक बार वह लंदन में एक रिटेल आउटलेट में काम करने गए थे।

जीवानंदम ने कहा, “मैं लंदन में देखता था कि अनेक भारतीय रिटेल आउटलेट से मसाले खरीदते थे। उस समय अनेक भारतीय मास्को में रहते थे, लेकिन हमारी जरूरत की पूर्ति करने वाला कोई स्टोर नहीं था।”

1990 के दशक के शुरुआती वर्षो में 12 हजार भारतीय मॉस्को में थे।

उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में उन्हें यह कारोबार शुरू करने का विचार सूझा।

अपने मित्र एम आदिमूलम के साथ उन्होंने 1994 में मास्को में पीपुल्स फ्रेंडशिप यूनिवर्सिटी के पास पहला स्टोर स्थापित किया। इसमें उन्होंने शुरू में 300 डॉलर की पूंजी लगाई।

विभिन्न कारणों से कारोबार में दिक्कत पैदा होने के बाद उन्होंने कई बार रूस छोड़ देने जैसे कई विकल्पों पर विचार किया।

आखिरकार उन्होंने अपने कारोबार पर फिर से ध्यान दिया और चीन, जापान, थाईलैंड, मेक्सिको और अन्य देशों के मसाले तथा अन्य खाद्य पदार्थ स्टोर में रखने लगे।

उन्होंने अपने स्टोरों की संख्या बढ़ाई। इस तरह से उनका कारोबार जड़ जमाने लगा।

जीवानंदम पहले दूसरे ब्रांड के सामान बेचते थे। बाद में उन्होंने अपना अमिल ब्रांड लांच कर दिया।

उन्होंने बताया कि अभी आज के जैसे उनके एक स्टोर स्थापित करने में करीब तीन लाख डॉलर लगेंगे।

जीवानंदम को कारोबार करने के लिए बैंकों से ऋण लेना पसंद नहीं है।

उन्होंने कहा, “मैं बैंकों से ऋण लेना पसंद नहीं करता हूं। एक बार हालांकि राजापलायम की होटल परियोजना के लिए ऋण लेना पड़ा था। क्योंकि उसकी लागत मेरे अनुमान से अधिक हो गई थी।”

जीवानंदम की पत्नी करीना जन्म के आधार पर रूसी नागरिक हैं और दंपति मिलकर कारोबार संभालते हैं।

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