न्यूयॉर्क, 2 अगस्त (आईएएनएस)। मधुमक्खियां वातावरण में मौजूद खास बीमारियों से अपनी संततियों का प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षण करती हैं।
वैज्ञानिकों ने पाया कि एक मधुमक्खी का रक्त प्रोटीन विटेलोजेनीन कहलाता है, जो मुधमक्खियों की संततियों को बीमारियों से बचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और यह भूमिका पूर्व में अज्ञात रही है।
अमेरिका के एरिजोना स्टेट युनिवर्सिटी में प्रोफेसर और अध्ययन के सह लेखक ग्रो अमडम का कहना है, “मधुमक्खी अपने बच्चों का प्रतिरक्षण कैसे करती है, यह प्रक्रिया अभी तक एक बड़ा रहस्य थी। हमने पाया है कि यह खाने की तरह ही सहज है।”
अमडम ने कहा, “हमारी चकित करने वाली खोज इसलिए संभव हो सकी, क्योंकि हमने 15 सालों तक विटेलोजेनीन पर बुनियादी अनुसंधान किया है।”
पीएलओएस पैथोजन नामक पत्रिका में प्रकाशित पत्र में कहा गया है कि नया निष्कर्ष कीड़ों का पहला खाद्य एवं प्राकृतिक टीका विकसित करने का दरवाजा खोल सकता है।