भोपाल, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में टीकाकरण से वंचित बच्चों और गर्भवतियों के लिए चलाए जा रहे ‘मिशन इंद्रधनुष’ के तहत विशेष टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण सात अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस अभियान की मॉनिटरिंग चुनाव के मतदान जैसी होगी।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में मिशन इंद्रधनुष के तहत चलाए जा रहे इस विशेष अभियान में ऐसे बच्चों और गर्भवती माताओं को लक्ष्य किया गया है, जिन्हें या तो टीका लगा ही नहीं है या फिर कुछ टीके लगने से रह गए हैं। इसके लिए घर-घर जाकर ऐसे बच्चों की पहचान की जाती है और गांव-गांव में टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
मिशन इंद्रधनुष का दूसरा चरण आरंभ होने से पहले सोमवार को राजधानी भोपाल में एक कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने कहा कि अभियान के पहले चरण के नतीजे बहुत उत्साहवर्धक रहे हैं। पिछले चरण में जो खामियां रह गई थीं उन्हें दूर करते हुए इस बार टीकाकरण की मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रतिदिन टीकाकरण के जितने सत्र आयोजित होंगे, वहां से दिन में दो बार उसी तरह प्रगति की जानकारी मंगवाई जाएगी जिस तरह चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत की जानकारी जुटाई जाती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (मध्य प्रदेश) के मिशन संचालक फैज अहमद किदवई ने कार्यशला को संबोधित करते हुए कहा कि मिशन इंद्रधनुष के पहले चरण में राज्य के 15 जिले लिए गए थे। इस बार 23 नए जिले लिए गए हैं। इन जिलों के अलावा पहले चरण के दो जिले नए चरण में भी शामिल किए गए हैं, ये वे जिले हैं जहां पिछली बार लक्ष्य के मुताबिक काम नहीं हो पाया था।
उन्होंने बताया कि इस काम में स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य कई संस्थाओं का सहयोग मिल रहा है। इसमें यूनिसेफ जागरूकता की दिशा में काम कर रहा है तो विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) टीकाकरण की मॉनिटरिंग में मदद कर रहा है। इसी तरह यूएनडीपी कोल्ड चेन के रखरखाव पर निगाह रखता है। रोटरी जैसी कई सामाजिक संस्थाएं भी इस काम में विभाग की मदद कर रही हैं।
यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने मिशन इंद्रधनुष और मीडिया के संबंधों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला को स्वास्थ्य विभाग के संचालक डा. संतोष शुक्ला, डब्ल्यूएचओ के डा. तिवारी ने भी संबोधित किया।