भोपाल, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के जिलाधिकारी (कलेक्टर) वी. किरण गोपाल लकड़ी खरीदी के मामले में उलझ गए हैं। इस मामले की जांच एक तरफ पुलिस कर रही है, तो वहीं भोपाल पहुंचकर उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने सफाई देनी पड़ी है।
बालाघाट जिले में बीते 18 माह में 10 हजार से ज्यादा पेड़ काटे गए हैं, वहीं फर्जी टीपी (ट्रांजिट पास) के जरिए बड़ी मात्रा में सागौन तथा अन्य लकड़ियों को राज्य से बाहर भेजा गया है। इस मामले में पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की पुलिस जांच कर रही है।
लकड़ी कटाई और राज्य से बाहर भेजने पर जिलाधिकारी वी. किरण गोपाल पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने बालाघाट के जंगल से अवैध तरीके से लकड़ी की कटाई कराकर उन्हें फर्जी टीपी से अपने गृह प्रदेश आंध्रप्रदेश भेजा है, जहां उनके पिता का मकान बना है।
इस मामले के तूल पकड़ने पर रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें तलब किया। गोपाल ने इस मामले में चौहान को सफाई दी और मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने आठ लाख रुपये की लकड़ी खरीदी थी और उसे अपने पिता के मकान निर्माण के लिए भेजा था। उन्होंने यह लकड़ी बैंक के जरिए भुगतान कर खरीदी है, लिहाजा कहीं भी कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
गोपाल ने आगे बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को सारी स्थिति से अवगत करा दिया है और समस्त दस्तावेज पेश करने की बात कही है। उनका कहना है कि आंध्रप्रदेश भेजी गई लकड़ी में नियमों की अवहेलना नहीं हुई है।
वहीं बालाघाट के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने आईएएनएस को बताया कि बालाघाट में जंगल कटाई के अलावा फर्जी टीपी से लकड़ी ढुलाई का मामला सामने आया है। इसमें कुछ लकड़ियों का अवैध कारोबार करने वालों का पता चला है, वहीं कलेक्टर गोपाल पर भी आरोप लगे हैं।
पुलिस का विशेष कार्यबल (एसआईटी) इस मामले की जांच कर रही है। एक-दो दिन में और भी अहम तथ्य सामने आ सकते हैं। कलेक्टर ने बताया है कि लकड़ी पड़ोसी प्रदेश छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से खरीदी गई है।