लंदन, 30 मार्च (आईएएनएस)। माता-पिता को अपने बच्चों के प्रति स्नेह उनकी सेहत पर भारी भी पड़ सकती है। भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में हुए ताजा शोध में खुलासा हुआ है कि माता-पिता अपने बच्चे के मोटापा का शिकार होने को समझ ही नहीं पाते।
ब्रिटिश शोध पत्रिका ‘जनरल प्रैक्टिस’ में प्रकाशित इस शोध में यहां तक कहा गया है अश्वेत होने, दक्षिण एशियाई देशों या वंचित तबके से आने वाले परिवार में माता-पिता अपने बच्चे को मोटापे को नजरअंदाज तक करते हैं। अगर कहीं बच्चा लड़का हो तो यह प्रवृत्ति और अधिक होती है।
इस शोध के लेखक एवं लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रोपिकल मेडिसीन में नैदानिक महामारी विज्ञान के रीडर संजय किनरा के अनुसार, “अगर माता-पिता ही बच्चे के वजन को नहीं समझ पाएंगे तो वे उसे स्वस्थ जीवनशैली प्रदान करने के भी इच्छुक नहीं होंगे।”
लंदन स्कूल एवं यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) की शोध टीमों ने पाया कि 31 फीसदी मां-बाप अपने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह नजर आए कि उनके बच्चे मोटे हैं या नहीं। 915 परिवारों पर यह शोध किया गया।
इस असंगति की ओर इशारा करते हुए किनरा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ चार माता-पिता ऐसे पाए जिन्होंने स्वीकार किया कि उनके बच्चे मोटापा के शिकार हैं, जबकि शोध के दौरान 369 बच्चे मोटापा के शिकार पाए गए।