नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में शिशु, नवजात व मातृ मृत्यु दर को कम करने की पहल के तहत निजी व विकास क्षेत्र के साझेदारों ने यहां प्रोजेक्ट ‘आसमान’ शुरू करने के लिए आपस में हाथ मिलाया है।
यह परियोजना बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन, एमएसडी इंडिया, रिलायंस फाउंडेशन, टाटा ट्रस्ट्स तथा युनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के बीच गठबंधन है, जिसे मंगलवार को लांच किया गया।
इस मौके पर केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि ‘आसमान’ जैसी परियोजना से देश में मातृ मृत्यु दर व कुपोषण से मुकाबले में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, “सामाजिक जिम्मेदारी कॉरपोरेट के डीएनए में बसती है। मुझे उम्मीद है कि हम मातृ मृत्यु दर व नवजात मृत्यु दर से एक साथ मुकाबला कर सकते हैं।
मेनका ने कहा, “सरकार के पास संस्थागत तंत्र है और इस कारण से लड़ने के लिए आप आशा व आंगनबाड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं।”
गठबंधन साझेदारों के मुताबिक, ‘आसमान’ निजी कंपनियों को एक साथ लाने के लिए एक मॉडल का निर्माण करेगा, जो सबको स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने और देश को सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में मदद करेगा।
परियोजना लॉन्चिंग के मौके पर रिलायंस फाउंडेश की संस्थापक व अध्यक्ष नीता अंबानी ने कहा कि इस तरह की साझेदारी से बदलाव संभव है।
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि हरेक जीवन की देखभाल होनी चाहिए और हमें एक स्वस्थ भारत के लिए काम करना चाहिए, जहां कोई मां अपने नवजात को न खो सके और प्रत्येक बच्चा अपनी पूरी क्षमता के साथ अपना जीवन जिए।”
आंकड़ों के मुताबिक, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व मध्य प्रदेश में मातृ मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर सर्वाधिक दर्ज की गई।