मुंबई, 2 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि इस साल मानसूनी बारिश औसत से कम रहने की सूरत में महंगाई दर बढ़ सकती है और देश के आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी हो सकती है।
आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि महंगाई और विकास दर का अनुमान लगाने में अभी मानसून के प्रभाव पर सर्वाधिक प्रमुखता से विचार किया जा रहा है।
मौद्रिक नीति समीक्षा के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि कमजोर दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रभाव पर सर्वाधिक प्रमुखता से गौर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई मानसून की प्रगति और उसके नकारात्मक प्रभाव से निपटने में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर नजर बनाए रखेगा।
राजन ने कहा, “पहले भी अल नीनो का प्रभाव रहा था। 2002-03 में बारिश कम हुई थी, लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण कीमतें नहीं बढ़ी थीं।”
राजन ने कहा कि सरकार कई तरीके से हस्तक्षेप कर सकती है, जैसे कि अनाजों का भंडार तैयार कर सकती है या दलहन जैसी कमोडिटी का आयात कर सकती है।
राजन ने जनवरी 2016 के लिए महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर छह फीसदी कर दिया, जिसे उन्होंने पहले 5.8 फीसदी पर रखा था।
2015-16 की दूसरी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा के बयान में उन्होंने कहा, “खरीफ सत्र के लिए, भारतीय मौसम विभाग के पहले अनुमान की चिंता बनी है, जिसमें दक्षिण पश्चिम मानसून के दीर्घावधि औसत से सात फीसदी कम रहने की बात कही गई थी। आस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो द्वारा अल नीनो प्रभाव शुरू होने की पुष्टि करने से यह चिंता और बढ़ गई।”
राजन ने यह भी कहा कि कृषि समर्थन मूल्य में वृद्धि को नियंत्रित करने से भी महंगाई कम करने में मदद मिलेगी।