Sunday , 19 May 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » मोदी ने स्वतंत्रता संघर्ष के लिए रानी गाइदिन्ल्यू को याद किया

मोदी ने स्वतंत्रता संघर्ष के लिए रानी गाइदिन्ल्यू को याद किया

नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नागा नेता रानी गाइदिन्ल्यू के योगदान का स्मरण करते हुए इस बात पर खेद जताया कि देशहित में अपना योगदान देने वाले कई स्वतंत्रता सेनानियों व अन्य प्रख्यात व्यक्तित्वों को पर्याप्त रूप से याद नहीं किया गया।

नागा आध्यात्मिक तथा राजनीतिक नेता रानी गाइदिन्ल्यू के जन्मशताब्दी समारोह का यहां उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को आजादी के लिए संघर्ष के गौरवशाली विरासत को याद रखना चहिए और पीढ़ी-दर-पीढ़ी उसका संक्रमण होते रहना चाहिए। गाथाएं जुड़ती जानी चाहिए। और तभी समाज के लिए जीने की, मरने की प्रेरणा मिलती है।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “यह हमारा दुर्भाग्य है कि रानी गाइदिन्ल्यू जैसे लोग या तो पूरी तरह याद नहीं रखे गए या जानबूझकर भुला दिए गए।”

उन्होंने कहा कि गाइदिन्ल्यू को लोग प्यार से रानी मां के नाम से बुलाते थे। उनका मानना था कि नागा लोगों के लिए अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष भारत की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष है।

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए सरकार की पहल का भी जिक्र किया।

उन्होंने इस बात को दोहराया कि पूर्वोत्तर की प्रगति से पूरे देश के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

मोदी ने कहा, “भारत तभी विकास करेगा, जब पूर्वोत्तर विकास करेगा।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार समस्त पूर्वोत्तर के विकास के लिए कृतसंकल्प है।

उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हम अपना अधिकतम प्रयास लगा रहे हैं।”

यह कहते हुए कि पूर्वोत्तर को प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों का आशीर्वाद है, उन्होंने कहा कि क्षेत्र में देश की जैविक राजधानी बनने की क्षमता है।

इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी की लड़ाई में दुर्गावती व लक्ष्मीबाई का उल्लेख है, गाइदिन्ल्यू को भी उतना ही महत्व देना चाहिए।

मंत्री ने कहा, “इतिहासकार गाइदिन्ल्यू के साथ न्याय करने में विफल रहे।”

जेटली ने कहा कि गाइदिन्ल्यू को याद करने से पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी।

26 जनवरी, 1915 को जन्मी रानी गाइदिन्ल्यू ने मणिपुर से अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए 13 वर्ष की उम्र में अपने चचेरे भाई हाइपोउ जादोनांग्स के आंदोलन में शामिल हुईं।

सन् 1932 में 16 वर्ष की उम्र में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आजीवन कारवास की सजा सुनाई गई।

14 वर्ष तक जेल में रहने के बाद उन्हें तुरा जेल (अब मेघालय में) से रिहा किया गया। 17 फरवरी, 1993 को मणिपुर के लोंगगाउ में उनका निधन हो गया।

मोदी ने स्वतंत्रता संघर्ष के लिए रानी गाइदिन्ल्यू को याद किया Reviewed by on . नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नागा नेता रानी गाइदिन्ल्यू के योगदान का स्मरण करते हुए इस बात पर खेद नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नागा नेता रानी गाइदिन्ल्यू के योगदान का स्मरण करते हुए इस बात पर खेद Rating:
scroll to top