केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए कमल मोरारका ने कहा कि इस सरकार ने अभी तक ऐसा कोई काम नहीं किया है जिसे याद रखा जाए। केन्द्र सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को अच्छा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी सफलता के लिए बुनियादी तैयारियां की जानी चाहिए। इसके लिए अधिकारियों की मानसिकता और कार्य प्रणाली में बदलाव लाना आवश्यक है। आज भी अधिकारी टरकाने वाली प्रवृत्ति से उबर नहीं सके हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा व्यापारियों की पार्टी कही जाती है पर इस सरकार ने व्यापारियों के लिए कुछ नहीं किया है। उनका कहना था कि केन्द्र सरकार को जीएसटी की बजाए सेंट्रल जीएसटी लाना चाहिए। जेएनयू प्रकरण पर अपनी राय देते हुए उन्होंने कहा कि परिसर में पुलिस भेजना गलत निर्णय था। अभिव्यक्ति की आजादी को नहीं कुचला जाना चाहिए।
उनका कहना था कि मोदी सरकार काम करने के बजाए बेकार मुद्दों में उलझ गई है। इसके चलते सरकार की छवि में बड़ी तेजी से गिरावट आई है। ऐसा आज तक कम ही देखने को मिला है।
किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश के अलग अलग राज्यों में किसानों के लिए अलग अलग समस्याएं हैं। इसके बावजूद केन्द्र व राज्य सरकारों को किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था, कम ब्याज दर पर लोन, बेहतर बीज व उनकी कृषि उपज के लिए वैल्यू एडीशन की व्यवस्था करनी चाहिए। वैल्यू एडीशन होने से किसान को काफी लाभ होगा तथा उसकी माली हालत में सुधार आएगा।