नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। स्वीडन की गृहमंत्री सुश्री एन लिंडे ने मंगलवार को केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों मंत्रियों ने आपदा प्रबंधन, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवंट (आईएसआईएल) एवं कट्टरवाद के खतरे तथा आतंकवाद को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों सहित कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कट्टरवाद और आईएसआईएल के बारे में लिंडे ने कहा कि यह संपूर्ण यूरोप के लिए बड़ी समस्या है और युवाओं को आईएसआईएल के प्रभाव से बचाने के लिए त्वरित प्रयास किए जा रहे हैं।
बयान के अनुसार, रिजिजू ने कहा कि भारत में इस तरह की गतिविधियों पर लगातार नजर रखने के लिए कारगर कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं, और ऐसा देखा जा रहा है कि अब इस तरह के पथभ्रष्ट युवाओं के अभिभावक अपने बच्चों को आतंकी विचारधारा के प्रभाव में आने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
स्वीडन की विश्वसनीय प्रौद्योगिकी, स्वीडन के पुलिस बल का पुनर्गठन, सुरक्षित सीमाएं जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते हुए दोनों मंत्रियों ने सीरिया से भारी संख्या में हो रहे पलायन पर चिंता व्यक्त की और शरणार्थियों के पुनर्वास की आवश्यकता पर बल दिया।
लिंडे को भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता वाली विशेषता से भी अवगत कराया गया। इंडो-जर्मन सुरक्षा सहयोग के मुद्दे पर दोनों ने इस बात पर बल दिया कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग की आवश्यकता काफी ज्यादा है। दोनों देशों ने इस दिशा में आगे बढ़ने के प्रति अपनी वचनबद्धता जाहिर की।
इस दौरान भारत में स्वीडन के राजदूत हैराल्ड सैंडबर्ग और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।