सेंट पीट्सबर्ग, 19 जून (आईएएनएस)। रूसी आर्थिक सम्मेलन ‘सेंट पीट्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्मेलन’ (एसपीआईईएफ) में भारत की ओर से उच्चस्तरीय प्रतिभागिता नहीं रही। रूस ने इस सम्मेलन में चीन और ग्रीस को विशेष तरजीह दी है।
सेंट पीट्सबर्ग, 19 जून (आईएएनएस)। रूसी आर्थिक सम्मेलन ‘सेंट पीट्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्मेलन’ (एसपीआईईएफ) में भारत की ओर से उच्चस्तरीय प्रतिभागिता नहीं रही। रूस ने इस सम्मेलन में चीन और ग्रीस को विशेष तरजीह दी है।
ऐसा नहीं है कि भारत की ओर से उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल आया नहीं था। भारतीय उद्योग परिसंघ के 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) निर्मला सीतारमण कर रही थीं।
गुरुवार की सुबह हुए गोलमेज सम्मेलन में वह हालांकि शामिल नहीं हुईं। ऐसा प्रोटोकॉल के कारण किया गया, क्योंकि सम्मेलन में रूस के उनके समकक्ष ने भी शिरकत नहीं की। रूस के उपमंत्री हालांकि इसमें शामिल हुए और उन्होंने भारत का सकारात्मक ढंग से जिक्र भी किया।
बाद में परिसंघ द्वारा प्रतिनिधियों और स्थानीय कारोबारियों के लिए गुरुवार को दिए गए भोज में भी भारतीय मंत्री शामिल नहीं हुईं। दूतावास और वाणिज्यदूतावास अधिकारी हालांकि उनके आने की उम्मीद कर रहे थे।
अगले दिन शुक्रवार को वह पूर्ण सत्र में शामिल हुए बिना मास्को लौट गईं।
यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि भारतीय मंत्री निर्मला सिर्फ गुरुवार को दोपहर के एक मामूली सत्र में हिस्सा लेने के लिए ही सेंट पीट्सबर्ग क्यों पहुंचीं। उनका पहुंचना मायने रखता जरूर, मगर उन्होंने महत्वपूर्ण बातचीत कनिष्ठ दूतावास अधिकारियों के भरोसे छोड़ दी।
भारतीय राजदूत पी.एस. राघवन भी शुक्रवार को सेंट पीट्सबर्ग से मास्को लौट गए, शायद इसलिए कि वाणिज्य मंत्री के साथ लौटना उनके प्रोटोकॉल का हिस्सा हो।
इस सत्र में राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने चीन पर विशेष ध्यान दिया और कहा कि उसके साथ रूस का संबंध उस स्तर पर पहुंच गया है, जैसा पहले नहीं था।
पुतिन के बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास को अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया गया।
सिप्रास कहा कि उन्होंने ब्रसेल्स में अपने कर्जदाताओं से बातचीत करने के लिए नहीं पहुंच कर यहां पहुंचना बेहतर समझा, क्योंकि वह समझते हैं कि रूस के साथ उनका संबंध अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
चीन के उप प्रधानमंत्री और पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य झांग गाओली ने भी कहा कि रूस के साथ चीन का संबंध दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है।