हैदराबाद, 23 जनवरी (आईएएनएस)। हैदराबाद विश्वविद्यालय के दिवंगत शोध छात्र रोहित वेमुला की जाति पर उठे विवाद के बीच उसकी मां राधिका ने शनिवार को कहा कि वह अनुसूचित जाति से है, लेकिन पिछड़ी जाति के वडेरा समुदाय के एक परिवार ने उन्हें गोद ले लिया था।
हैदराबाद, 23 जनवरी (आईएएनएस)। हैदराबाद विश्वविद्यालय के दिवंगत शोध छात्र रोहित वेमुला की जाति पर उठे विवाद के बीच उसकी मां राधिका ने शनिवार को कहा कि वह अनुसूचित जाति से है, लेकिन पिछड़ी जाति के वडेरा समुदाय के एक परिवार ने उन्हें गोद ले लिया था।
राधिका ने संवाददाताओं से कहा कि वह एक माला अनुसूचित जाति परिवार में पैदा हुई थीं, लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें एक वडेरा परिवार में छोड़ दिया, जहां वह पली-बढ़ीं।
राधिका ने कहा कि 1985 में वडेरा समुदाय के एक व्यक्ति से उनकी शादी हुई और उनसे तीन बच्चे हुए। कुछ निजी समस्याओं के कारण दोनों दंपति अलग हो गए और राधिका ने तीनों बच्चों को अपने पास रखा।
राधिका ने कहा कि वह माला समुदाय की सभी परंपराओं और रिवाजों का अनुसरण करती हैं, क्योंकि वह मूल रूप से अनुसूचित जाति से हैं।
राधिका ने दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता का जिक्र करते हुए सवाल किया, “देश ने निर्भया की जाति क्यों नहीं पूछी और रोहित के मामले में यह सवाल क्यों पूछा जा रहा है?”
उन्होंने यह स्पष्टीकरण तब दिया है, जब रोहित की दादी ने कहा कि वह वडेरा समुदाय से हैं।
रोहित उन पांच दलित छात्रों में शामिल था, जिन्हें विश्वविद्यालय ने पिछले वर्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक नेता पर कथित रूप से हुए हमले के बाद निलंबित कर दिया था।
रोहित ने 17 जनवरी को आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद दलित विद्यार्थियों के साथ अन्याय को लेकर सार्वजनिक आक्रोश फूट पड़ा।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, रोहित अनुसूचित जाति से था। इस आधार पर केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, कुलपति अप्पा राव और एबीवीपी के दो नेताओं के खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति उत्पीड़न अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।