प्रदर्शन में करीब आधा दर्जन से अधिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन को चेतावनी दी।
परिसंघ के महामंत्री साधू सिंह ने एफडीआई को जन विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि जब देश के संविधान और कानून में संशोधन हो सकता है तो एफडीआई का फैसला वापस क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने एफडीआई लागू करने वाले अन्य देशों का हवाला देते हुए कहा कि यह मॉडल जब उनके अपने देश में फेल हो गया तो फिर भारत में किस प्रकार फलेगा।
उन्होंने मांग की है कि बोनस की गणना व भुगतान समाप्त कर वास्तविक बोनस का भुगतान किया जाए, सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठानों के विनिवेश पर रोक लगाई जाने समेत अनय सभी मांगों पर तत्काल कार्यवाही की जाए।
प्रदर्शन के दौरान भारतीय रेलवे मजदूर संघ, भारतीय पोस्टल इम्प्लाइज फेडरेशन, केंद्रीय कर्मचारी महासंघ भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ समेत कई संगठनों के पदाधिकारी व सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे।