नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)। 67वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां राजपथ पर लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को मरणोपरांत देश के सबसे बड़े वीरता सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया। राजपथ पर लांस नायक गोस्वामी की पत्नी भावना गोस्वामी अशोक चक्र लेने पहुंचीं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर सशस्त्रबलों के जवानों और अन्यों को 365 वीरता व अन्य रक्षा सम्मानों से पुरस्कृत करने की मंजूरी दी। इन पुरस्कारों में एक अशोक चक्र, चार कीर्ति चक्र, 11 शौर्य चक्र, एक सेना मेडल (वीरता), 48 सेना पदक (वीरता), चार नव सेना पदक (वीरता), दो वायु सेना पदक (वीरता), 29 परम विशिष्ट सेवा पदक, पांच उत्तम युद्ध सेवा पदक, चार बार अतिविशिष्ट सेवा पदक, 49 अति विशिष्ट सेवा पदक, 20 युद्ध सेवा पदक, एक सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 37 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), आठ नव सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 16 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), पांच बार विशिष्ट सेवा पदक और 118 विशिष्ट सेवा शामिल हैं।
पिछले साल दो सितंबर को लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी की जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों के साथ एक मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में लांस नायक गोस्वामी के दो साथी घायल हुए थे।
गोस्वामी घायल होने के बावजूद अपने साथियों को बचाने व आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वहां पहुंचे। उन्होंने न केवल दो आतंकवादियों को मार गिराया बल्कि अपने साथियों की भी जान बचाई। वह मुठभेड़ में घायल हो गए थे और 11 दिन बाद वीर गति को प्राप्त हो गए।
शहीद लांस नायक गोस्वामी उत्तराखंड के नैनीताल जिले की हल्द्वानी तहसील से ताल्लुक रखते थे। उनके परिवार में पत्नी और सात की एक बेटी है।