इस सम्मेलन का अयोजन चीन के हांगझू शहर में हुआ और इसका विषय ‘टुवार्ड एन इनोवेटिव, इन्विगोरेटिड, इंटरकनेक्टिड और इनक्ल्यूसिव वर्ल्ड इकॉनमी’ था।
एक साक्षात्कार में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के महासचिव जोस एंजेल गुरिया ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन आर्थिक कठिनाइयों से बाहर आना है, जिनका सामना विश्व 2008 के वित्तीय संकट के बाद से कर रहा है।
ब्रिटेन की कोवेंट्री यूनिवर्सिटी में वैश्विक सुरक्षा के प्रोफेसर नील रेनविक का कहना है कि जी-20 सम्मेलन की सबसे बड़ी प्राथमिकता इस समूह के लोगों को वापस एक ही माध्यम पर लाना और लंबे समय की रणनीतिक योजना बनाना है।
वेरमीर कॉर्पोरेशन की चेयरपर्सन एंड्रिंगा ने कहा कि उन्हें आशा है कि जी-20 प्रतिबद्धिताएं नियामक सरलीकरण, अधिक खुले तथा पारदर्शी कारोबारी माहौल और सीमा पार से व्यापार को आसान बनाने हेतु व्यापार सुविधा समझौते की मंजूरी के लिए बनाई जाएंगी।
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के महासचिव गुरिया ने वैश्विक आर्थिक कठिनाइयों से उबरने के लिए चुनौतियों के बारे में चर्चा के मुख्य तौर पर इस साल जी-20 के एजेंडे में रखने के लिए चीन को सराहा।