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विश्व पुस्तक मेला : 7वें दिन कला विधाओं पर रहा जोर

नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले के सातवें दिन शुक्रवार को पुस्तक प्रेमियों का हुजूम उमड़ा और आयोजकों का विभिन्न कला विधाओं पर जोर रहा।

मकर संक्रांति के दिन ताड़पत्रों पर दुर्लभ हस्तलिपियों की प्रदर्शनी, संस्कृति आधारित पुस्तकें, थीम मंडप पर भारतीय ग्रंथों पर अाधारित नाट्य एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, चीन मंडप पर फोटो एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनियां तथा संगोष्ठियों, लेखक से मिलिए व पुस्तक लोकार्पण जैसी साहित्यिक गतिविधियां मेले की विशेषता रही।

थीम मंडप पर भगवान महावीर के प्रशंसा गीतों से संजीव जैन तथा उनके समूह ने दर्शकों को ईमानदारी और शांति के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया। जैन पिछले बीस वर्षो से गायन के क्षेत्र में हैं। एक प्राइवेट कंपनी में काम करने के बावजूद वह अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर ये मंच पर प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत करते हैं।

इसके बाद गुरु सिंगाजीत सना एवं उनके समूह द्वारा प्रस्तुत मणिपुरी नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया।

बाल मंडप पर आयोजित हो रही गतिविधियां भी मेले में आने वाले पुस्तक प्रेमियों का मन मोह रही हैं। शुक्रवार को पटकथा लेखन पर आधारित कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस अवसर पर डॉ. हेमंत कुमार ने बच्चों के साथ बातचीत की और उन्हें यह जानकारी दी कि चाहे प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविजन या इंटरनेट हो, पटकथा लेखन सभी माध्यमों में अलग तरह से होता है।

इसी कार्यक्रम में उन्होंने बच्चों से टेलीविजन कार्यक्रम के लिए पटकथा लिखने को भी कहा। यहां राजीव गांधी फाउंडेशन से आए बच्चों द्वारा प्रसिद्ध लेखक, प्रेमचंद की कहानी ‘चोरी’ पर आधारित प्रहसन प्रस्तुत किया गया। इसी मंडप पर शेखर सरकार द्वारा बैलून कठपुतली कार्यशाला एवं कथा वाचन सत्र आयोजित किया गया।

मेले के हॉल सं. 6 में बने ऑथर्स कॉर्नर ‘कंनवर्सेशंस’ में डॉ. पार्थ सारथी द्वारा लिखित ‘भगवत गीता फॉर लीडरशिप’ पुस्तक का लोकार्पण हुआ। डॉ. पार्थ सारथी शारदा भारतीय प्रबंधन शोध संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हैं।

हॉल सं. 11 में बने ऑथर्स कॉर्नर ‘रिफ्लेक्शंस’ में इंदु बालचंद्रन की पुस्तक ‘रनवे राइटर्स’ का लोकार्पण हुआ। लेखिका द्वारा दर्शकों से यह आग्रह किया गया कि पुस्तक को उसका आवरण देखकर न आंकें, बल्कि उसे पढ़कर देखें।

मेले में कई अन्य पुस्तकों का भी लोकार्पण हुआ, जिनमें शामिल हैं- स्नेहा महाजन द्वारा लिखित ‘बीसवीं शताब्दी का विश्व इतिहास’, आशा गुप्ता की ‘तुलनात्मक शासन और राजनीति’, रुचि त्यागी की ‘आधुनिक भारत का प्रादेशिक चिंतन’, रामचंद्र प्रधान द्वारा लिखित ‘राज से स्वराज, राजेंद्र पाल की ‘विषय वस्तु विश्लेषण’, कनुप्रिया की ‘विजयी भव’ आदि। यह मेला 17 जनवरी तक चलेगा।

विश्व पुस्तक मेला : 7वें दिन कला विधाओं पर रहा जोर Reviewed by on . नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले के सातवें दिन शुक्रवार को पुस्तक प्रेमियों का हुजूम उमड़ा और आयोजक नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले के सातवें दिन शुक्रवार को पुस्तक प्रेमियों का हुजूम उमड़ा और आयोजक Rating:
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