नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं एचसीएफआई अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि भारत में 60 साल से ज्यादा आयु के 11 करोड़ लोग हैं यानि कुल आबादी का 10 प्रतिशत। विश्व वृद्धावस्था दिवस (1 अक्टूबर) पर उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान इन लोगों की अच्छे सेहत पर होना चाहिए ताकि यह भरपूर जीवन जी सकें।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बढ़ती उम्र जीवन का सच है। इससे बचा नहीं जा सकता। बुढ़ापे के साथ निजी और पेशेवर स्थितियों में बदलाव आ जाता है। इसे आप कैसे संभालते हैं, सेहतमंद रहने का यही राज है। उन्होंने वृद्धावस्था में सेहतमंद रहने के कुछ टिप्स दिए :
1. धूम्रपान छोडें़ : यह आवश्यक है कि कैंसर, स्ट्रोक और दिल के दौरे से बचा जाए। धूम्रपान छोड़कर इनके खतरे को कम किया जा सकता है। बीड़ी-सिगरेट छोड़ने की यह सबसे सही अवस्था है।
2. चुस्त रहें : कोई ऐसी चीज नियमित रूप से करें जो आपको फिट रखे। जिससे ताकत, संतुलन और लचक बनी रहे और जिसे करते हुए आप आनंद महसूस करें। यही वजन, बीमारी रोकने, हड्डियों की मजबूती और तनाव कम करने के लिए यह जरूरी है।
3. गिरने से बचें : इस उम्र में दुर्घटना से गिरने की संभावना होती है। घर से खुले पायदान और कालीन हटा दें, चलने के रास्ते से फालतू चीजें हटा दें और रात के लिए वहां रौशनी का प्रबंध करें। अच्छी रगड़ वाले जूते गिरने से बचा सकते हैं।
4. इम्युनाइजेशन और स्क्रीनिंग का ध्यान रखें : 50 की उम्र से ज्यादा की महिलाओं को स्तन कैंसर और सर्विकल कैंसर की जांच करवाते रहना चाहिए। पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर के साथ ही कोलेस्ट्राल, लिपिड प्रोफाइल और थॉयरायड की जांच करवानी चाहिए। आवश्यक वैक्सीन लगवाना चाहिए।
5. दिल को स्वस्थ रखें : बढ़ती उम्र के साथ दिल के बढ़ते रोगों के खतरे से बचने के लिए संतुलित वजन, बेहतर रक्तचाप बनाए रखें और कम नमक चीनी और कम कोलेस्ट्राल वाला संतुलित आहार लें।
6. संतुलित खाएं : संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधियों के साथ दिल के रोग, हाईपरटेंशन, डायबिटीज, मोटापा और ओस्टियोपोरोसिस खानपान की आदतों से जुड़े होते हैं। कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंटस महिलाओं के लिए मददगार हो सकते हैं।
7. मानसिक तौर पर एक्टिव रहें : डेमेंशिया और कंजीनेटिव एम्पेयरमेंट से बचने के लिए मानसिक तौर पर सक्रिय रहें। ऐसी किसी भी समस्या होने पर तुंरत डॉक्टर से संपर्क करें।
8. भरपूर नींद लें : नींद ना आना और दिन में ज्यादा सोना आम समस्याएं हैं। अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें और तनाव से खुद को दूर रखें। इसके लिए योग और दूसरी सकारात्मक क्रियाओं में अपना मन लगाएं।