नई दिल्ली,12 अगस्त (आईएएनएस)। जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने देश के औद्योगिक घरानों को आड़े हाथों लिया है। दोनों नेताओं ने कहा है कि ये घराने संसद के कामकाज को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
शरद ने राज्यसभा में पूछा, “उद्योगपति देश की संसद पर कैसे दबाव बना सकते हैं?”
उद्योगपतियों की संस्था कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने संसद में गतिरोध की निंदा करते हुए ऑनलाइन अभियान छेड़ा है। इस सिलसिले में एक अर्जी पर देश के जाने-माने उद्योगपतियों ने दस्तखत कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे विधेयकों के पारित नहीं होने पर चिंता जताई है। शरद यादव इसी अभियान पर अपनी प्रतिक्रिया जता रहे थे।
शरद ने कहा, “आजादी के 68 साल के बाद पूंजीपति कह रहे हैं कि संसद चलनी चाहिए। उन्हें यह बात समझनी होगी कि सवा अरब भारतीयों ने संसद चुनी है..अब क्या ये(उद्योगपति) संसद चलाना चाहते हैं?”
उन्होंने कहा, “अब तो इसमें कोई शक नहीं रह गया है कि ये लोग (मोदी सरकार) औद्योगिक घरानों के समर्थन से ही सत्ता में आए हैं।”
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी औद्योगिक घरानों के ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया, “हास्यास्पद। इन घरानों की चिंता उन 10 सालों में कहां चली गई थी, जब भारतीय जनता पार्टी संसद के एक के बाद एक सत्र को मिटा रही थी।”
ऑनलाइन अर्जी पर सुनील मुंजाल, आदि गोदरेज, किरण मजूमदार-शॉ, राहुल बजाज, अनु आगा, अजय श्रीराम, सुमित मजूमदार, क्रिस गोपालकृष्णन जैसे उद्योगपतियों के साथ ही 15,000 लोग दस्तखत कर चुके हैं।
इस अर्जी में कहा गया है कि जीएसटी जैसे विधेयकों को ‘लगातार व्यवधानों’ के जरिए नहीं रोका जाना चाहिए। जीएसटी को बनाने और इस पर सहमति बनाने में काफी समय लगा है। यह देश और राज्यों के विकास में बड़ी भूमिका निभाने वाला साबित होगा।
अर्जी में सभी राजनैतिक दलों से सहयोग और सलाह-मशविरे से संसद की कार्यवाही चलाने की अपील की गई है।