सीवान, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जमानत रद्द किए जाने की सूचना के बाद सीवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि आज उनके तीनों पुत्रों की आत्मा को शांति मिली होगी। प्रसाद ने समाज और खासतौर से मीडिया का आभार प्रकट किया।
सीवान, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जमानत रद्द किए जाने की सूचना के बाद सीवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि आज उनके तीनों पुत्रों की आत्मा को शांति मिली होगी। प्रसाद ने समाज और खासतौर से मीडिया का आभार प्रकट किया।
सीवान के बहुचर्चित तेजाब कांड में दो सगे भाइयों की हत्या और उस घटना के चश्मदीद गवाह तीसरे बेटे राजीव रौशन की हत्या के बाद अपने तीनों जवान बेटों को खो चुके सीवान के चंदा बाबू सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर अपने आंसू नहीं रोक सके।
सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कर दी।
चंदा बाबू ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से मेरे पुत्रों की आत्मा को ही नहीं कई लोगों की आत्मा को शांति मिली होगी। ऐसे लोगों को जमानत मिलनी ही नहीं चाहिए थी। यह निर्णय पटना उच्च न्यायालय को ही करना चाहिए था।”
उन्होंने कहा, “समाज के कई लोगों का, खासकर मीडिया के लोगों का जो अहसान है उसे मैं जीवनभर चुका तो नहीं पाउंगा, लेकिन इस कठिन घड़ी और न्याय की लड़ाई में ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं जो मेरे साथ थे।”
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले पर चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि शहाबुद्दीन की जगह जेल में ही है। उन्होंने कहा कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं।
न्यायालय द्वारा शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने और फिर से जेल भेजने के फैसले पर प्रसन्न बुजुर्ग कलावती कहती हैं, “भगवान ने आज सुन ली। न्यायालय का यह फैसला सभी शांति पसंद लोगों के हित में है। ऐसे लोगों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।”
इस लड़ाई में बुजुर्ग दंपति ने खुद की जान का खतरा भी बताया है।
पटना उच्च न्यायालय ने शहाबुद्दीन को सात सितंबर को बड़ी राहत देते हुए तेजाब कांड में दो सगे भाइयों की हत्या के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की हत्या के मामले में जमानत दे दी थी और पूर्व सांसद 10 सितंबर को जेल से 11 साल बाद रिहा हुए थे। इसके बाद राजीव के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद के साथ बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन को पटना उच्च न्यायालय से मिली जमानत को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
वर्ष 2014 में राजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
16 अगस्त, 2004 को सीवान के चंद्रकेश्वर प्रसाद के बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण किया गया था। गिरीश और सतीश की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी, जबकि राजीव उनके चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहा था।
इस मामले में गिरीश की मां कलावती देवी के बयान पर सीवान के मुफसिल थाना में मामला दर्ज किया गया था।
हत्याकांड के गवाह और मृतकों के भाई राजीव ने अदालत को बताया था कि वारदात के समय पूर्व सांसद शहाबुद्दीन खुद वहां उपस्थित थे।