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शुष्क सर्दी से हिमाचल की फल अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी

शिमला, 11 जनवरी (आईएएनएस)। इस साल की सर्दी अपेक्षाकृत अधिक शुष्क रहने के कारण हिमाचल प्रदेश की 3,500 करोड़ रुपये की फल अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। यह संभावना बागवानी विशेषज्ञों ने जताई है। इस साल बारिश और बर्फबारी दोनों में कम से कम 68 फीसदी कमी दर्ज की गई है।

शिमला, 11 जनवरी (आईएएनएस)। इस साल की सर्दी अपेक्षाकृत अधिक शुष्क रहने के कारण हिमाचल प्रदेश की 3,500 करोड़ रुपये की फल अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। यह संभावना बागवानी विशेषज्ञों ने जताई है। इस साल बारिश और बर्फबारी दोनों में कम से कम 68 फीसदी कमी दर्ज की गई है।

यदि मध्य फरवरी तक भी समुचित बारिश और बर्फबारी हो जाए तो स्थिति सुधर सकती है। हिमाचल प्रदेश देश का प्रमुख सेब उत्पादक राज्य है।

वाई.एस. परमार युनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री के पूर्व संयुक्त निदेशक एस.पी. भारद्वाज ने आईएएनएस से कहा, “इस समय में बारिश और बर्फबारी की कमी से सेब सहित सभी फलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।”

सेब के मौसम में मार्च अंत में फूल लगने शुरू होते हैं। इससे पहले जब सेब के पेड़ सोए रहते हैं, तब 400 से 1,200 घंटे तक उन्हें कड़ाके की ठंड चाहिए होती है, यानी उस वक्त तापमान सात डिग्री सेल्सियस या उससे कम होना चाहिए।

शिमला जिले के कियारी गांव के एक सेब उत्पादक संजीव शर्मा ने कहा, “दिसंबर और उसके बाद बारिश या बर्फबारी नहीं हुई है। यदि आगे भी ऐसा रहा, तो उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा।”

शिमला के मौसम विभाग कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि दिसंबर से जनवरी तक का औसत तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक रहा है।

उन्होंने कहा, “इस महीने के प्रथम आठ दिन में बारिश या बर्फबारी 68 फीसदी कम दर्ज की गई। गत महीने में इसमें 40 फीसदी कमी दर्ज की गई थी।”

सेब उत्पादन में 80 फीसदी योगदान करने वाले शिमला जिले में इस महीने बारिश और बर्फबारी 81 फीसदी कम रही है। गत महीने यह 25 फीसदी कम रही थी।

एक प्रमुख सेब उत्पादक और बागवानी मंत्री विद्या स्टोक्स ने कहा, “यह सच है कि गत दो महीने में बारिश और बर्फबारी कम हुई है। हमें उम्मीद है कि पेड़ में फूल लगने से पहले समुचित बारिश और बर्फबारी होगी।”

राज्य के 2014-15 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, 2013-14 में राज्य में सेब का 7.39 लाख टन उत्पादन हुआ था। 2012-13 में यह 4.12 लाख टन था। 2011-12 में यह 2.75 लाख टन था।

राज्य में सेब के अलावा नाशपाती, आड़ू, चेरी, खुबानी, किवि, स्ट्रॉबेरी, जैतून, बादाम और आलू बुखारा के भी उत्पादन होते हैं।

शुष्क सर्दी से हिमाचल की फल अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी Reviewed by on . शिमला, 11 जनवरी (आईएएनएस)। इस साल की सर्दी अपेक्षाकृत अधिक शुष्क रहने के कारण हिमाचल प्रदेश की 3,500 करोड़ रुपये की फल अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। यह संभा शिमला, 11 जनवरी (आईएएनएस)। इस साल की सर्दी अपेक्षाकृत अधिक शुष्क रहने के कारण हिमाचल प्रदेश की 3,500 करोड़ रुपये की फल अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। यह संभा Rating:
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