श्रीनगर, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर में वर्ष 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ के पीड़ितों को राहत मुहैया कराने में राज्य सरकार की विफलता के आरोप में सोमवार को आहूत बंद का सामान्य जनजीवन पर असर देखा जा रहा है।
बंद के कारण सोमवार को राज्य में स्कूल, बाजार और सार्वजनिक यातायात बंद हैं। यह बंद व्यवसायियों, परिवहन संचालकों एवं उद्योगपतियों की ओर से बुलाया गया है।
कश्मीर घाटी में सात सितंबर, 2014 को आई विनाशकारी बाढ़ में श्रीनगर का पूरा सिविल लाइन्स इलाका और औद्योगिक संस्थान जलमग्न हो गए थे। बाढ़ का पानी उतरने और जनजीवन सामान्य होने में यहां एक महीने से भी ज्यादा समय लग गया था।
प्रशासन ने सोमवार के बंद को देखते हुए सैयद अली गिलानी, मुहम्मद यासीन मलिक और मीरवाइज उमर फारूक सहित अन्य वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया है, ताकि वे व्यवसायी संघों द्वारा विरोध स्वरूप निकाली जा रही रैलियों और प्रदर्शन में शामिल न हो पाएं।
प्रशासन ने हालांकि श्रीनगर के किसी भी हिस्से में निषेधाज्ञा नहीं लगाई है, लेकिन शहर में सभी स्थानों पर पुलिस एवं अर्धसैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तैनाती की गई है।
बंद को देखते हुए कश्मीर विश्वविद्यालय ने सोमवार को होने सभी परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।