इंदौर, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा राष्ट्रहित में निर्णय लिए भले ही पार्टी हित को पीछे रखना पड़ा हो, वर्ष 1980 में जनता पार्टी के शासनकाल में कुछ लोगों ने जनसंघ के नेताओं के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाने पर ऐतराज जताया तो उन्होंने (तत्कालीन नेताओं) अपने सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने विचार को चुना और सरकार को छोड़ दिया।
मध्यप्रदेश के इंदौर में चल रहे चार दिवसीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रशिक्षण महाअभियान के तहत आयोजित प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन मंगलवार को तोमर ने कहा इस देश में अनेक दल है। कोई व्यक्ति आधारित है, कोई जाति आधारित है, कोई धन बल से चलता है तो कोई बाहुबल से चलता है, लेकिन भाजपा एकमात्र ऐसा दल है जो सिद्घांत के आधार पर चलता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने सदैव राष्ट्र हित में निर्णय किए, भले ही उसे पार्टी हित को थोड़ा पीछे रखना पड़ा। उन्होंने जेपी आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि जय प्रकाश भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ रहे थे, इसलिए वैचारिक रूप से विरोधी होने के बावजूद जनसंघ ने उनका साथ दिया और इंदिरा गांधी की सरकार को अपदस्थ किया, लेकिन जब जनता पार्टी की सरकार में कुछ लोगों को लगा की जनसंघ से आए नेताओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नहीं जाना चाहिए। यह दोहरी सदस्ता नहीं चलेगी, तो उन्होंने अपने सिद्धांतों की रक्षा के लिए सरकार को छोड़ दिया।
प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन आयोजित पांच सत्रों में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश के प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत, प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने विचार व्यक्त किए।