Saturday , 18 May 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » व्यापार » सख्त कानून से बैंकिंग संकट से बचाव संभव

सख्त कानून से बैंकिंग संकट से बचाव संभव

न्यूयार्क, 9 अगस्त (आईएएनएस)। जिन देशों में कंपनियों में घपलेबाजी रोकने के लिए सख्त कानून होते हैं, वहां कंपनियों और पूरी अर्थव्यवस्था पर बैंकिंग संकट का असर कम होता है। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई।

बैंकिंग संकट के दौरान कंपनियों के लिए ऋण हासिल करना कठिन हो जाता है और इससे उनकी लाभ कमाने और बाजार में बने रहने की क्षमता प्रभावित होती है।

इस दौरा शेयर बाजार अतिरिक्त सुविधा का काम करता है। कंपनियां बाजार में अतिरिक्त शेयर जारी कर जरूरी धन जुटा सकती हैं।

कैलिफोर्निया-बर्कले के प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक रोस लेविन ने हालांकि कहा कि शेयर धारकों की सुरक्षा से संबंधित सख्त कानून होने चाहिए।

यह अध्ययन फेडरल रिजर्व के पूर्व अध्यक्ष अलान ग्रीनस्पैन की कल्पना के आधार पर किया गया है।

1999 में ग्रीनस्पैन ने कहा था कि जापान और पूर्वी एशिया में यदि शेयर बाजार से धन जुटाने का कानूनी ढांचा होता तो बाजार से कंपनियां धन जुटा सकती थीं और बैंकिंग संकट का असर उतना व्यापक नहीं होता।

अध्ययन में 36 देशों की 3,600 कंपनियों से आंकड़े लिए गए। इन देशों में 1990 से 2011 के बीच कम से कम एक बार बैंकिंग संकट पैदा हुआ है।

अध्ययन में शेयरधारकों की सुरक्षा, कंपनियों की लाभ कमाने की क्षमता और बैंकिंग संकट की अवधि संबंधित आंकड़े भी लिए गए।

लेविन ने कहा, “शेयरधारकों की सुरक्षा के लिए जब मजबूत कानून होता है, तो लोग कंपनियों के शेयर खरीदने के लिए प्रोत्साहित होते हैं, क्योंकि इनसाइडर तब फायदा नहीं उठा पाते। इसके कारण कंपनियों की समृद्धि बढ़ती है। इससे वे बैंकिंग संकट से प्रभावी रूप से निपट सकते हैं।”

यह अध्ययन शोध पत्रिक ‘जर्नल ऑफ फाइनेंशियल इकॉनॉमिक्स’ में प्रकाशित होने जा रहा है।

सख्त कानून से बैंकिंग संकट से बचाव संभव Reviewed by on . न्यूयार्क, 9 अगस्त (आईएएनएस)। जिन देशों में कंपनियों में घपलेबाजी रोकने के लिए सख्त कानून होते हैं, वहां कंपनियों और पूरी अर्थव्यवस्था पर बैंकिंग संकट का असर कम न्यूयार्क, 9 अगस्त (आईएएनएस)। जिन देशों में कंपनियों में घपलेबाजी रोकने के लिए सख्त कानून होते हैं, वहां कंपनियों और पूरी अर्थव्यवस्था पर बैंकिंग संकट का असर कम Rating:
scroll to top