रविवार सुबह अपने आवास में चंद्राकर ने कहा कि सरकार डेंगू से निपटने के लिए पूरी ताकत से लगी हुई है और स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लोगों को भी डेंगू व मच्छर से बचाव के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि दुर्ग-भिलाई के 30 निजी अस्पतालों में भी डेंगू के मरीजों के इलाज का निर्देश जारी किया गया है। इसके अलावा जिला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज चल रहा है। अजय चंद्राकर ने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए पूरे प्रदेश में व्यापक जनजागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, उन्होंने इसके लिए मीडिया से भी सहयोग की अपील की।
डेंगू के बेकाबू होने और बेहतर इलाज ना होने को लेकर तरह-तरह के उठ रहे सवालों पर चंद्राकर ने कहा कि सरकार ने इलाज के लिए संजीवनी योजना के नियमों को भी शिथिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का एकमात्र उद्देश्य ये है कि एक भी मरीज डेंगू के इलाज से वंचित ना हो।
उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को सख्त निर्देश दिया गया है कि वो सहयोग करें, अगर ऐसा नहीं होगा तो सरकार कार्रवाई करेगी। उन्होंने डेंगू की महामारी मानने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि डेंगू महामारी नहीं है क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है। अस्पतालों में कोऑर्डिनेटर बनाए गए हैं जो मरीजों का इलाज कराने में सहयोग कर रहे हैं।