नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी में एक जुवेनाइल बोर्ड ने हिट एंड रन मामले में एक नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। नाबालिग ने कार से 33 वर्षीय एक व्यापार सलाहकार को कुचल दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
ज्ञात सूत्रों के मुताबिक, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग की जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह पहले भी इस तरह की वारदात को अंजाम दे चुका है। गलत तरीके से गाड़ी चलाने के मामलों में उसका पहले भी चालान हो चुका है।
नाबालिग की गिरफ्तारी के दो दिनों बाद 10 अप्रैल को उसके पिता को एक अदालत से जमानत मिल गई थी।
4 अप्रैल की रात सिद्धार्थ शर्मा नाम के युवक को नाबालिग ने अपनी मर्सिडीज गाड़ी से कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने 5 अप्रैल को नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद नाबालिग को जमानत पर रिहा कर दिया गया, क्योंकि उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए (लापरवाही के कारण मौत) के तहत ही मामला दर्ज किया गया था।
मामले के तूल पकड़ने और आरोपी के प्रति नरमी बरतने के आरोपों के बाद पुलिस अधिकारियों ने यू-टर्न ले लिया।
नाबालिग लड़के के पिता को भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए के तहत गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उसने यह बात जानने के बावजूद अपने बेटे को गाड़ी चलाने दिया कि उसका बेटा गाड़ी चलाने के दौरान पहले भी दुर्घटना कर चुका है।
पुलिस ने इससे पहले अदालत से कहा था कि सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, नाबालिग आरोपी रिहायशी इलाके में बेहद तेज गति से कार चला रहा था।