शिमला, 4 मार्च (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश की विकास दर मौजूदा कारोबारी साल में 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले 7.5 फीसदी थी और प्रति व्यक्ति आय 1,30,067 रुपये रहने का अनुमान है। यह बात शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कही।
राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण 2015-16 के हवाले से उन्होंने कहा कि अग्रिम अनुमान के आधार पर वर्तमान मूल्य पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) करीब 1,10,511 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले 1,01,108 करोड़ रुपये था।
राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यत: पनबिजली, बागवानी और पर्यटन पर निर्भर है।
सर्वेक्षण सिंह ने विधानसभा के पटल पर रखी, जो राज्य के वित्तमंत्री भी हैं।
वर्तमान वित्तवर्ष में दिसंबर तक सेब उत्पादन 7.54 लाख टन रहा, जो 2014-15 में सिर्फ 6.25 लाख टन था।
दिसंबर तक सभी तरह के फलों का उत्पादन 8019 लाख टन था।
राज्य का अनाज उत्पादन इस बीच 15.85 लाख टन से 5.6 फीसदी बढ़कर 16.74 लाख टन पर पहुंच गया।
सर्वेक्षण के मुताबिक, 2014-15 में कुल जीएसडीपी में प्राथमिक क्षेत्र की भूमिका 15.91 फीसदी, द्वितीयक क्षेत्र की 41.08 फीसदी, परिवहन, संचार और व्यापार की 12.62 फीसदी, वित्त और रियल एस्टेट की 15.08 फीसदी और समुदाय तथा व्यक्तिगत सेवा की 15.31 फीसदी रही।
जीएसडीपी में कृषि, बागवानी और पशुपालन का योगदान 2000-01 के 21.1 फीसदी से घटकर 2014-15 में 10.4 फीसदी रह गया है। साथ ही कृषि, वानिकी, मत्स्य और खनन वाले प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 25.1 फीसदी से घटकर 15.9 फीसदी रह गया।
द्वितीयक क्षेत्र का योगदान हालांकि 1990-91 के 26.5 फीसदी से बढ़कर 2014-15 में 41.1 फीसदी हो गया।
राज्य में 518 मझोले और बड़े आकार वाले उद्योग तथा 40,194 लघु उद्योग हैं।
राज्य की पनबिजली उत्पादन क्षमता 27,436 मेगावाट है, जो देश की कुल संभावित क्षमता की एक चौथाई है, जबकि राज्य में गत वर्ष दिसंबर में सिर्फ 10,264 मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो सका है।