मुंबई, 21 मई (आईएएनएस)। प्रबंधन की डिग्री रखने वाले एक युवक ने यहां गुरुवार को हीरे का निर्यात करने वाली एक कंपनी के खिलाफ उनके साथ धार्मिक भेदभाव करने और मुस्लिम होने के कारण नौकरी नहीं देने की शिकायत दर्ज कराई है।
हीरा कंपनी हरि कृष्ण एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने इस घटना पर खेद जताते हुए इस गलती के लिए एक प्रशिक्षु कर्मचारी को जिम्मेदार ठहराया है। कंपनी की कई देशों में शाखाएं हैं।
मुंबई निवासी जीशान अली खान ने कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया था।
कंपनी ने 19 मई को दिए जवाब में कहा, “आपके आवेदन के लिए शुक्रिया। हमें आपको बताते हुए अफसोस हो रहा है कि हम सिर्फ गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों को काम पर रखते हैं।”
जीशान ने जब कंपनी का वह जवाब अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया, तो कई लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। खान ने कहा कि उसके दो दास्तों ने भी नौकरी के लिए आवेदन किया था, जिन्हें नौकरी मिल गई।
खान ने आईएएनएस से कहा, “हां, मैंने इस मुद्दे पर कुर्ला पश्चिम के विनोबा भावे नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में पुलिस सबूत जुटा रही है।”
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नसीम अहमद ने इस घटना पर जांच का आदेश दिया है।
कंपनी के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख एवं एसोसिएट उपाध्यक्ष महेंद्र एस. देशमुख ने एक बयान में कहा, “हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि कंपनी लिंग, जाति, धर्म आदि के आधार पर उम्मीदवारों के साथ भेदभाव नहीं करती है। इस मामले के कारण किसी भी तरह की तकलीफ होने पर खेद है।”
देशमुख ने सारा दोष एक प्रशिक्षु सहकर्मी दीपिका टिके के सिर मढ़ दिया। उनका दावा है कि गलत ईमेल उसी ने भेजा।
सूत्रों के मुताबिक विवाद पैदा होने के बाद कंपनी ने प्रशिक्षु कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी है।
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एकनाथ खडसे ने कंपनी पर उपयुक्त कदम उठाने की बात कही है।
खडसे ने संवाददाताओं से कहा, “किसी को धार्मिक आधार पर नौकरी देने से इंकार किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इस घटना की जांच करेंगे और यदि कानून तोड़ा गया होगा, तो कार्रवाई करेंगे।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रवक्ता नवाब मलिक ने इस मामले में कंपनी की आलोचना की और केंद्र तथा राज्य सरकारों से कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।
अधिकारवादी कार्यकर्ता शहजाद पूनावाला ने मामले में हस्तक्षेप करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।
पूनावाला ने कहा, “इस घटना ने संविधान का उल्लंघन किया है, जिसमें धारा 14 एवं 25 के जरिए धार्मिक भेदभाव न किए जाने और समानता का प्रावधान किया गया है।”