नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी बी.के.बंसल को रिश्वत लेने के मामले में जमानत दे दी। साथ ही उन पर कार्यालय में प्रवेश करने और बिना इजाजत के दिल्ली छोड़ने पर रोक लगा दी।
नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी बी.के.बंसल को रिश्वत लेने के मामले में जमानत दे दी। साथ ही उन पर कार्यालय में प्रवेश करने और बिना इजाजत के दिल्ली छोड़ने पर रोक लगा दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश गुरुदीप सिंह ने बंसल को एक लाख रुपये के निजी मुचलका और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर जमानत दे दी।
बंसल के परिवार में हुई दुखद घटनाओं और उनके इकलौते बेटे को अवसाद में देखते हुए अदालत ने कहा कि यह विशेष परिस्थितियों में दी गई जमानत है।
अदालत ने बंसल से कहा कि वह सबूतों से छेड़छाड़ और अपने कार्यालय में किसी से संपर्क की कोशिश नहीं करेंगे। साथ ही उन्हें बिना जांच अधिकारी के अनुमति के कार्यालय नहीं जाने की हिदायत दी गई।
इससे पहले बंसल को 22 जुलाई को उनकी पत्नी सत्यबाला (57) और बेटी नेहा (27) के दाह संस्कार के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी। इन दोनों ने पूर्वी दिल्ली के नीलकंठ अपार्टमेंट में सीबीआई के छापे के बाद आत्महत्या कर ली थी।
बंसल ने 22 अगस्त को अदालत के समक्ष समर्पण किया था और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
वह कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव स्तर के महानिदेशक थे। उन्हें सीबीआई ने 16 जुलाई को गिरफ्तार किया था। उन पर मुंबई की एल्डर फार्मास्यूटिकल से नौ लाख रुपये बतौर रिश्वत लेने का आरोप है।
अदालत ने एल्डर फार्मास्यूटिकल के एक वितरक व मामले में सह-आरोपी विश्वदीप बंसल को भी एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर जमानत दे दी।
दो अन्य आरोपी, चार्टड अकांटेंट गोपाल कृष्णन और बिचौलिया विनोद सिंह पहले ही जमानत पर बाहर हैं।