नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि यदि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्यों के नाम तय कर लिए गए, तो अगली मौद्रिक नीति एमपीसी तय कर सकती है।
नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि यदि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्यों के नाम तय कर लिए गए, तो अगली मौद्रिक नीति एमपीसी तय कर सकती है।
जेटली ने सीएनबीसी लीडरशिप अवार्ड्स में कहा, “यदि आरबीआई की एमपीसी के सदस्यों के नाम तय हो गए, तो अगली मौद्रिक नीति एमपीसी द्वारा ही तय की जाएगी।”
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने कार्यकारी निदेशक माइकल पात्रा को प्रस्तावित एमपीसी के लिए नामित किया है। एमपीसी में आरबीआई के अन्य दो सदस्यों में आरबीआई गवर्नर और एक डिप्टी गवर्नर होंगे।
केंद्र सरकार ने एमपीसी के तीन गैर आरबीआई सदस्यों के चयन के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।
जेटली ने बैंकों के बुरे ऋण पर कहा कि सरकार ने संपत्ति गुणवत्ता के मुद्दों से निपटने के लिए सभी प्रणालियों को लगा दिया है।
उन्होंने कहा, “बैंकों को कार्यकारी और वैधानिक रूप से एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्तियां) से निपटने के लिए सशक्त किया गया है। हमें बैंकों को वापस सही रास्ते पर लाना है, ताकि वे वृद्धि दर में मदद कर सकें।”
उन्होंने कहा, “किसी समेकन से पहले बैंकों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। सैद्धांतिक रूप से सरकार समेकन के पक्ष में है।”
जेटली ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बारे में कहा कि एचएमटी (हिंदुस्तान मशीन टूल्स) जैसी कुछ कंपनियों को जिंदा नहीं किया जा सकता, इसलिए सरकार ने ऐसी कंपनियों को बंद करने का निर्णय लिया है।