उन्होंने कहा, “मैं उप्र के चप्पे-चप्पे से परिचित हूं। बुंदेलखंड उप्र का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। इस बुंदेलखंड में गेहूं की फसल सूख जाती है, धान के लिए पानी ही नहीं मिलता। अगर फसल पैदा ही होती है तो राज्य सरकार न आपका गेहूं खरीदती है और न धान। हमने खाद की भी कीमतें कम कर दी है।”
झांसी के नुमाइश ग्राउंड में परिवर्तन रथ रवाना होने से पूर्व आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, “ओलावृष्टि पर केंद्र सरकार ने उप्र के किसानों के लिए प्रदेश सरकार को तीन हजार करोड़ रुपये दिया, लेकिन यह पैसा राज्य सरकार ने किसानों तक नहीं पहुंचाया।”