चेन्नई, 14 सितंबर – तमिलनाडु के मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने रविवार को कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा जैसे राष्ट्रीय दलों को वोट देने से कोई लाभ नहीं होगा। जयललिता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई और उसकी केंद्रीय इकाई का मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना के हमले पर अलग-अलग रुख हैं, जबकि केंद्र सरकार शांत है।
तूतीकोरिन में अपनी पार्टी एआईएडीएमके की तरफ से महापौर पद के उम्मीदवार ए.पी.आर. एंथनी ग्रेसी के प्रचार के दौरान जयललिता ने कहा, “स्थानीय निकाय चुनावों में राष्ट्रीय दलों को वोट देने से कोई लाभ नहीं होगा। जहां तक राष्ट्रीय दलों का सवाल है, उनका एक नेतृत्व तमिलनाडु में है और दूसरा दिल्ली में।”
राज्य के मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना के हमलों का जिक्र करते हुए जयललिता ने कहा कि एक नेता श्रीलंका सरकार को यह सलाह देकर तमिलनाडु के मछुआरों के हितों के खिलाफ काम कर रहा है कि मछुआरों की नौकाएं वापस न की जाएं।
जयललिता ने कहा, “भाजपा ने उस नेता की निंदा तक नहीं की है। केंद्र सरकार मौन है। दोहरे रुख वाली पार्टी को वोट देने से तमिलनाडु के लोगों का किसी भी रूप में लाभ नहीं होगा।”
जयललिता ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण बढ़ रही महंगाई से लोगों को बचाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही है।
तमिलनाडु में स्थानीय निकायों के लिए उपचुनाव 18 सितंबर को होना है। डीएमके और कुछ अन्य दलों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है।