नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ‘ग्रीनपीस’ की विदेश से मिलने वाले चंदों पर लगी रोक हटाने का आदेश दिया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले वर्ष जून में ग्रीनपीस के विदेशी चंदों पर यह रोक लगाई थी। इस फैसले को ग्रीनपीस ने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी की जीत बताते हुए इसे स्वतंत्र समाज में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका स्वीकार करने वाला फैसला कहा है।
ग्रीनपीस के कार्यकारी निदेशक समित आईच ने कहा, “यह फैसला हमारे काम और भारत के विकास में गैर सरकारी संगठनों की विश्वसनीय भूमिका को स्वीकार्यता देती है। न्यायालय ने ग्रीनपीस द्वारा उठाए गए मुद्दों को वैधता देते हुए सरकार की कार्रवाई को असंवैधानिक माना है।”
न्यायालय ने मंगलवार को दिए अपने आदेश में गृह मंत्रालय द्वारा लगाई गई रोक को असंवैधानिक, एकपक्षीय और गैरकानूनी कदम माना है।
विदेशी चंदों पर रोक के अलावा संगठन के कार्यकर्ताओं कई विदेश यात्राओं पर भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, जिसे ग्रीनपीस पर सरकार की सख्ती के रूप में देखा गया।
समित ने कहा, “यह फैसला बहुत ही महत्वपूर्ण समय पर आया है, जब सरकार का एक वर्ग हमें और अन्य कई दूसरे गैर सरकारी संगठनों को परेशान करने पर आमादा है। हम खुश हैं कि न्यायालय के फैसले से यह साबित हुआ है कि सरकार द्वारा लिया गया निर्णय कानून सम्मत नहीं था। न्यायालय के इस फैसले से स्पष्ट है कि सरकार को गैर सरकारी संगठनों को परेशान करने वाले अभियान को बंद कर देना चाहिए।”
न्यायालय ने यह भी कहा कि गैर सरकारी संगठनों को सरकार से इतर अपना दृष्टिकोण रखने का हक है और इसका मतलब यह नहीं है कि गैर सरकारी संगठन राष्ट्रहित के खिलाफ हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।