नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए नगर निकायों को दी गई सहायता राशि का उपयोग समुचित तरीके से हो।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंड पीठ ने सरकार से सभी विभागों को सहयोग करने और मलेरिया व डेंगू की रोकथाम कार्यक्रमों को सही ढंग से लागू कराना सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।
न्यायालय का यह आदेश कांग्रेस नेता अजय माकन की उस जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और नगर निगमों पर डेंगू की रोकथाम के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं करने का आरोप लगाया है।
माकन के अधिवक्ता अमन पंवार और मुदित गुप्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि सरकार ने डेंगू व मलेरिया रोकथाम कार्यक्रम के लिए 81.52 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, लेकिन अदालत के हस्तक्षेप के एक दिन बाद यानी 22 सितंबर को इनमें से 50 फीसदी राशि नगम निगमों को जारी की गई।
दिल्ली सरकार ने हालांकि न्यायालय को बताया कि डेंगू का मामला सामने आने के बाद तीन नगर निगमों को 60 करोड़ रुपये दिए गए।
सरकारी अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि 17 सितंबर को तीन नगर निगमों को कुल सहायता राशि की 25 फीसदी राशि वाली पहली किस्त आवंटित की गई थी। 50 फीसदी की धनराशि वाली दूसरी किस्त 22 सितंबर को जारी की गई।