पणजी, 29 नवंबर (आईएएनएस)। रूस के सुरक्षित गंतव्यों की सूची से गोवा और भारत को बाहर किए जाने की मीडिया में कुछ रपटें आने के बाद गोवा स्थित रूसी सूचना केंद्र ने रविवार को स्पष्ट किया कि पहले जारी किए गए बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
केंद्र के प्रमुख एकाटेरिना बेल्याकोवा ने रविवार को यहां एक बयान में कहा, “हमारे बयान में भारत को सुरक्षित गंतव्यों की सूची से बाहर निकाले जाने या असुरक्षित गंतव्यों की सूची में शामिल करने की कोई सूचना नहीं थी, जो भारतीय मीडिया की कई रपटों और सुर्खियों में प्रकाशित हुई है।”
गोवा का यह केंद्र गोवा आने वाले हजारों रूसी पर्यटकों को हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराता है। इसे रूस के मुंबई स्थित वाणिज्य दूतावास से मान्यता प्राप्त है।
रविवार को कुछ मीडिया रपटों में एक रूसी मीडिया रपट के हवाले से यह कहा गया था कि भारत और गोवा को रूस की सुरक्षित गंतव्य सूची से बाहर कर दिया गया है।
केंद्र ने रविवार को कहा कि शनिवार को जारी बयान में यह बताया गया था कि रूसी पर्यटकों के लिए क्यूबा, दक्षिण वियतनाम और दक्षिण चीन जैसे नए सुरक्षित गंतव्यों की खोज के लिए रूस ने क्या प्रयास किए हैं। इस बयान को गलत अर्थ के साथ प्रस्तुत किया गया।
केंद्र ने कहा कि पिछले बयान में कहा गया था कि सूची में शामिल किए जाने को लेकर भारत या गोवा पर कोई चर्चा नहीं हुई।
केंद्र ने कहा कि मुख्य मकसद यह दिखाना था कि मिस्र और तुर्की जैसे रूसियों के लिए लोप्रिय गंतव्यों के तनाव ग्रस्त होने से गोवा एक संभावित विकल्प है।
गोवा का पर्यटन सत्र अक्टूबर में शुरू होता है और मार्च में समाप्त होता है।
हर साल करीब 30 लाख पर्यटक गोवा पहुंचते हैं, जिसमें से आधे विदेशी होते हैं।
विदेशी सैलानियों में सर्वाधिक रूस के होते हैं। उनके बाद ब्रिटेन के सैलानियों की संख्या होती है।
रूस की अर्थव्यवस्था में सुस्ती को देखते हुए जानकारों का अनुमान है कि इस साल रूसी पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की जाएगी।