रांची, 2 जनवरी (आईएएनएस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को कहा कि प्रदेश सरकार 3,000 से ज्यादा लोगों के फोन टैप करवा रही है, जिनमें नेता, व्यापारी, वकील, पत्रकार और कारोबारी शामिल हैं। उन्होंने इस मामले की जांच विशेष जांच दल से कराने की मांग की।
मरांडी के नेतृत्व में झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर इस मामले की एसआईटी जांच करवाने की मांग की।
उन्होंने कहा, “इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से करवानी चाहिए। यह एक गंभीर मामला है।”
कुछ स्थानीय समाचारपत्रों ने भी केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों समेत कई अधिकारियों के फोन टैप होने की खबर प्रकाशित की थी।
एक स्थानीय समाचार पत्र ने खबर प्रकाशित किया था कि राज्य पुलिस के द्वारा केंद्रीय खुफिया एजेंसी के अधिकारियों का फोन टैप किया जा रहा है।
इस रिपोर्ट में कहा गया कि दो माओवादी जो केंद्रीय खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के साथ संपर्क में थे, उनकी जानकारी राज्य पुलिस को हो गई और उन्होंने उससे जबरदस्ती आत्मसमर्पण कराया।
सूत्रों के मुताबिक आईएएस, आईपीएस और अन्य अधिकारियों के फोन टैप कराए जा रहे हैं जो राज्य सरकार के विश्वासपात्र नहीं हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि उन पत्रकारों के भी फोन टैप कराए जा रहे हैं जो राज्य सरकार के खिलाफ खबर लिखते हैं।
नियमों के अनुसार विशेष मामलों में राज्य सरकार की अनुमति से फोन टैप किया जा सकता है।