इस्लामाबाद, 1 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के एक अग्रणी समाचार पत्र का कहना है कि फरवरी के प्रथम हफ्ते में भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का होना असंभव लग रहा है। अखबार ने ताज्जुब जताते हुए पूछा है कि क्या अब वार्ता को फिर से पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भारत की अचानक यात्रा करनी होगी?
इस्लामाबाद, 1 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के एक अग्रणी समाचार पत्र का कहना है कि फरवरी के प्रथम हफ्ते में भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का होना असंभव लग रहा है। अखबार ने ताज्जुब जताते हुए पूछा है कि क्या अब वार्ता को फिर से पटरी पर लाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भारत की अचानक यात्रा करनी होगी?
द न्यूज इंटरनेशनल ने ‘डायलाग विद इंडिया’ शीर्षक वाले संपादकीय में लिखा है कि अगर भारत और पाकिस्तान की वार्ता टल जाए तो फिर कोई नहीं बता सकता कि यह कब शुरू होगी।
अखबार ने लिखा है, “यह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीक से हटकर हुई लाहौर यात्रा थी, जिसने वार्ता के क्रम को फिर से तय किया। यह भी, जैसा कि हम जानते हैं, पठानकोट हमले की वजह से बाधित हो गया है, जिसके लिए भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान में मौजूद तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है।”
अखबार ने लिखा है कि भारत के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता के लिए बातचीत जारी है, लेकिन ऐसा लगता है कि वार्ता से ज्यादा दिलचस्पी आम लोगों के बीच अपनी हनक दिखाने की है। फरवरी के प्रथम हफ्ते में वार्ता की गुंजाइश काफी हद तक अयथार्थवादी लग रही है।
अखबार ने लिखा है कि यह उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार की देर उतनी नहीं होगी, जितनी कि अतीत में देखने को मिली थी। अखबार ने पूछा है, “अब क्या वार्ता को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अचानक भारत की यात्रा करनी होगी।”
अखबार ने लिखा है कि तमाम दिक्कतों के बावजूद हाल के सालों में दोनों देशों के बीच आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर क्षेत्रीय सहयोग के लिए गंभीर प्रयास हुए हैं। एक-दूसरे पर दोषारोपण से ये प्रयास असफल हो जाएंगे और उन आतंकियों के हाथ मजबूत करेंगे, जो भारत-पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच के अविश्वास का लाभ अपने कृत्यों के लिए उठाते हैं।