जम्मू। अमरनाथ यात्रा मार्ग के हालात की जानकारी लेने के लिए पुलिस का विशेष दल जल्द रेकी करने के लिए रवाना होगा। यात्रा मार्ग पर इस समय भारी बर्फ है। लिहाजा, पुलिस की इस टीम को पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करनी होगी।
हालांकि, यात्रा मार्ग का एरियल सर्वे हो चुका है, लेकिन मार्ग की असली तस्वीर इस टीम की रिपोर्ट के बाद भी मिल पाएगी। पिछले साल भी टीम के प्रभारी रहे राम लाल ने बताया कि उनकी टीम तैयार बैठी है। श्री बाबा अमरनाथ स्थापना बोर्ड का आदेश मिलते ही दस सदस्यीय दल अपना काम शुरू कर देगा।
कैसा भी मौसम हो या विकट परिस्थितियां, बाबा बर्फानी के भक्तों को घबराने की कतई जरूरत नहीं। श्री अमरनाथ यात्र मार्ग पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सहारा देने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के पर्वतारोहियों की 10 टीमें हर पल मुस्तैद रहेंगी। टीमों में शामिल कुल 60 पर्वतारोहियों को यात्रा मार्ग के सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण हिस्सों पर तैनात किया जाएगा, जबकि 20 अन्य सदस्य बैकअप के लिए रहेंगे। नेशनल डिजास्टर एंड रिलीफ मैनेजमेंट में विशेष प्रशिक्षण हासिल करने वाले चोटी के ये पर्वतारोही हिमस्खलन, भूस्खलन, दुर्घटनाओं की स्थिति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इनके पास यात्रियों को फर्स्ट एड देने से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर और उन्हें निकटवर्ती चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने तक जरूरत का सारा सामान उपलब्ध रहेगा। 28 जून से 21 अगस्त तक चलने वाली यात्रा के दौरान आठ टीमें 46 किलोमीटर लंबे पहलगाम से पवित्र गुफा तक तथा दो टीमें 14 किलामीटर लंबे बालटाल मार्ग पर तैनात रहेंगी। एवरेस्ट पर चढ़ाई कर चुके सब इंस्पेक्टर राम सिंह के नेतृत्व वाले इस दल के 60 सदस्य अपनी जिम्मेदारी संभालने के लिए श्रीनगर पहुंच चुके हैं।
वहीं, 20 अन्य पर्वतारोही इस समय सांबा के नड इलाके में आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग ले रहे हैं। वे भी जल्द श्रीनगर के लिए रवाना हो जाएंगे। एसआइ राम सिंह ने बताया कि पर्वतारोही शेषनाग, गणोशटॉप, पोशपत्री, संगम व पवित्र गुफा के पास तैनात रहेंगे। अन्य टीमों को तैनात करने के लिए कुछ और स्थान भी चिन्हित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि दल के सभी पर्वतारोही ऐसे हैं, जिन्होंने माउंटेनरिंग का एडवांस कोर्स किया है। राज्य में प्रशिक्षण के साथ इस बार उन्हें आपदा प्रबंधन में दक्ष राष्ट्रीय टीमों ने भी टेनिंग दी है। पिछले साल यात्रा के दौरान सिर्फ 20 पर्वतारोही तैनात किए गए थे, लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद और पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं।