न्यूयार्क, 18 मार्च (आईएएनएस)। मधुमेह के जिन मरीजों की बीमारी अनुवांशिक कारणों से असामान्य होती है, उनके उपचार के लिए अलग तरीके की जरूरत होती है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगर उनका उपचार मधुमेह के सामान्य उपचार की विधि से किया जाए तो फायदा की बजाय और नुकसान हो सकता है।
प्रमुख शोधकर्ता और अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के बेंजामिन मूरे का कहना है, “टाइप 2 मधुमेह के शिकार मरीजों का इंसुलिन से उपचार नहीं करना चाहिए। हमारे शोध से पता चला है कि इससे वे इंसुलिन पर कहीं अधिक जल्दी आश्रित हो जाते हैं।”
यह शोध द जर्नल ऑफ बॉयोलॉजिकल केमेस्ट्री में प्रकाशित किया गया है।
इस शोध में डॉक्टरों को सलाह दी गई है कि मधुमेह का इलाज करने से पहले वे जांच लें कि कहीं यह अनुवांशिक असामान्य मधुमेह तो नहीं है।
मूरे कहते हैं, “यह जरूरी है कि मरीजों की जितना संभव हो सटीक जांच करनी चाहिए। उसके बाद ही सही तरीके से उनका इलाज करना चाहिए।”